सोने की शुद्धता की गारंटी नहीं हॉलमार्क

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कोटा। । हॉलमार्क के बावजूद आपके सोने-चांदी के आभूषणों पर लिखी कैरेट की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। दरअसल, सरकार ने पिछले सवा दो साल में शुद्धता के पैमाने पर खरे नहीं उतरने वाले 138 ज्वेलर्स का पंजीकरण निरस्त किया है। हॉलमार्क लगाने वाले 100 से ज्यादा जांच केंद्रों पर भी कड़ी कार्रवाई हुई है।

उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, आभूषण पर दर्ज हॉलमार्क से कम कैरेट के आभूषण बेचने पर इस साल एक अप्रैल से 25 जून तक नौ ज्वेलर्स पर कार्रवाई की गई। वर्ष 2016-17 में 49 और 2017-18 में 80 ज्वेलर्स का पंजीकरण रद्द किया गया। 

हॉलमार्क के लिए पंजीकृत ज्वेलर्स को आभूषणों को एसेईंग एंड हॉलमार्किग (ए एंड एच) सेंटर भेजना होता है। ए एंड एच शुद्धता जांच कर उन पर हॉलमार्क लगाते हैं। देश में करीब 25 हजार ज्वेलर्स के पास हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन है।

कितनी हो शुद्धता
भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों के अनुसार, आभूषण पर दर्ज कैरेट और उसकी शुद्धता में सिर्फ 0.1% अंतर हो सकता है। इससे अधिक अंतर मिलने पर सरकार ज्वेलर्स और ए एंड एच सेंटर पर कार्रवाई करती है। इसके लिए समय-समय पर ऑडिट होता रहता है।

यहां करा सकते हैं जांच
आप हॉलमार्क आभूषण को नजदीक के ए एंड एच सेंटर पर जाकर उसकी शुद्धता की जांच करा सकते हैं। यदि शुद्धता में कमी मिलती है, तो ज्वेलर्स से मुआवजा मांग सकते हैं। मुआवजा देने से इनकार करने पर ज्वेलर के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।

हॉलमार्क से सोने की शुद्धता की पहचान
भारत में आमतौर पर २२ कैरट सोने के आभूषण स्तेमाल होते हैं। 22 कैरट सोने के आभूषण पर 916 अंक अंकित होता है। इसमें 91,6 प्रतिशत सोना होता है। इसी प्रकार सोने आभूषण पर अन्य अंकों का अर्थ लगाया जा सकता है।
375 का अर्थ 37.5 % शुद्ध सोना
585 का अर्थ 58.5 % शुद्ध सोना
750 का अर्थ 75.0 % शुद्ध सोना
916 का अर्थ 91.6 % शुद्ध सोना
990 का अर्थ 99.0 % शुद्ध सोना
999 का अर्थ 99.9 % शुद्ध सोना

ज्वेलर्स पर भरोसा
राजस्थान सर्राफा संघ के मंत्री पुरुषोत्तम पुरोहित ने बताया कि हॉलमार्क के बावजूद सोने के आभूषणों की शुद्धता की गारंटी नहीं है। कोटा में 98% आभूषण दुकानदार की विश्वसनीयता पर बिकते हैं। दुकानदार की अपनी गुडविल होती है। इसलिए वह खुद भी क्वालिटी से समझौता नहीं करते।