परमिट गांव का, चल रही शहर में बसें, हर माह लाखों की टैक्स चोरी

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कोटा। ग्रामीण रूट पर दिए गए बसों के परमिट व कंडम वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन समेत अन्य मामलों में भ्रष्टाचार की आशंका पर एसीबी ने बुधवार को डीसीएम रोड स्थित आरटीओ कार्यालय पर छापा मारा। यहां परमिट शाखा से जरूरी रिकॉर्ड लिया। एसीबी टीम की एंट्री के साथ ही दफ्तर में हड़कंप मच गया। एसीबी ने करीब 8 घंटे तक जांच के दायरे में आए एक-एक परमिट का बारीकी से अध्ययन किया और उससे जुड़े रिकॉर्ड की फोटोकॉपी कराई।

दोपहर करीब 12 बजे एएसपी ठाकुर चंद्रशील की अगुवाई में सीआई अजीत बागड़ोलिया और एसीबी कार्मिकों की टीम आरटीओ ऑफिस पहुंची और परमिट शाखा में पहुंचकर रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया। एसीबी सूत्रों ने बताया कि परमिट जारी करने में बड़ा घपला सामने आ रहा है, जिससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

कोटा से रामगंजमंडी, सुल्तानपुर, केशवरायपाटन, मेहराना, इंद्रगढ़ समेत ऐसे ही अन्य रूटों पर करीब 100 बसों के परमिट जारी हो रखे हैं। एसीबी ने शुरुआती तौर पर सत्यापन कराया और पता चला कि इन रूटों पर बमुश्किल 20-25 बसें चल रही है। अब शेष बसें कहां चल रही है? इसकी पड़ताल से पता चला कि ये बसें कोटा शहर में ही कोचिंग व स्कूलों में चल रही हैं।

री-रजिस्ट्रेशन में भी घोटाला
इसके अलावा दूसरा बड़ा घपला 15 साल पूरे करने वाले वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन से जुड़ा सामने आया। ऐसे वाहनों का नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान है और पूरा ही पैसा जमा होता है। लेकिन ऐसे वाहनों के एक-एक साल के फिटनेस दिए जा रहे हैं। जबकि रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर नोटिस देने व रजिस्ट्रेशन निरस्त करना चाहिए।
परिवाद दर्ज होते ही पहुंची एसीबी

टैक्स में बड़ा फर्क : ग्रामीण रूट के परमिट व शहरी परमिट के टैक्स में बड़ा फर्क है। मसलन रामगंजमंडी वाले रूट पर यदि किसी बस को 2500 रुपए मासिक टैक्स देना पड़ रहा है तो शहर में यही टैक्स 15 से 20 हजार बनता है। इससे सरकार को हर माह लाखों रुपए का टैक्स का नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही संबंधित रूटों पर पर्याप्त बसें भी नहीं मिल रही। एसीबी ने परमिटों से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड ले लिया है। अब यह प्रमाणित करने के लिए कई संस्थानों के सीसीटीवी फुटेज भी लेने की तैयारी है, जहां ये बसें चल रही हैं।

आरटीओ ऑफिस से एसीबी की टीम ने दस्तावेज जब्त किए।
हमें परिवहन विभाग से जुड़ी अलग-अलग शिकायतें मिली थी, मुख्यालय के आदेश पर जिन पर परिवाद दर्ज किया गया है। बसों के परमिट व री-रजिस्ट्रेशन में भारी गड़बड़ी है। अब इनसे जुड़ा रिकॉर्ड लेकर जांच करेंगे। जांच के बाद पता चलेगा कि सरकार को कितने राजस्व का नुकसान हुआ। इसके बाद ही अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।- ठाकुर चंद्रशील, एएसपी, एसीबी