GST संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए सब-कमेटी एक्शन मोड में

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नई दिल्ली। लघु, कुटीर और मध्यम उद्योग की जीएसटी संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए गठित मंत्रियों की सब-कमेटी एक्शन मोड में आ गई है। जहां एक ओर वह छोटे-बड़े सभी संगठनों से लघु उद्योगों की सहूलियतों के लिए राय ले रही है, वहीं अलग-अलग सेक्टर के उद्यमी संगठनों से जल्द ही बैठकों का दौर शुरू होने वाला है।

पहली बार जीएसटी पर मंत्री समूह में दिल्ली को जगह मिलने से स्थानीय उद्योग और व्यापार संगठनों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कमिटी के चेयरमैन वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला और दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया का इस महीने कई संगठनों से मिलने का कार्यक्रम है।

सोमवार को एमएसएमई सब-कमिटी को सौंपी सिफारिशों में उद्योग संगठन फिक्की ने वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन पर जोर देते हुए मांग की कि कई राज्यों में काम करने वाले छोटे उद्यमियों को सभी राज्यों में रजिस्ट्रेशन लेने की बाध्यता से मुक्त किया जाए और केवल एक रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करनी चाहिए।

फिक्की के प्रेजिडेंट रशेष शाह ने कहा, ‘मल्टीपल रजिस्ट्रेशन से सिर्फ उद्यमियों की कंप्लायंस कॉस्ट बढ़ी है, जबकि इससे रेवेन्यू में कोई योगदान नहीं मिलता। कम से कम एमएसएमई के लिए पूरे देश में सिंगल रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो और इसके लिए एक खास क्रेडिट मेकनिज़म कायम किया जाए।’

उन्होंने एक्सपोर्ट प्रक्रिया के सरलीकरण और रिफंड लेने में दिक्कतों को दूर करने की मांग भी की। शाह ने कहा कि सरकार ने भले ही रिवर्स चार्ज मेकनिज़म को साल भर के लिए टाल दिया है, लेकिन अब भी सेक्शन 9(3) के तहत ट्रांसपोर्टर्स, वकीलों और कई अन्य सर्विसेज पर यह लागू है।

इसकी एक न्यूनतम सीमा तय की जानी चाहिए और एक लिमिट तक सप्लायर्स को इससे मुक्त किया जाना चाहिए। सर्विसेज के लिए अडवांस में किए गए भुगतान पर जीएसटी वसूलने की अनिवार्यता भी खत्म होनी चाहिए। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल जीएसटी से जुड़ी समस्याओं पर 9 अगस्त को दिल्ली में देशभर के व्यापारियों से चर्चा करेंगे।

भारतीय उद्योग व्यापार संगठन की ओर से आयोजित व्यापार सम्मेलन में खास तौर से लघु उद्योग और व्यापार की जीएसटी संबंधी दिक्कतों और सहूलियतों की मांग पर चर्चा होगी। उधर, सब-कमिटी के सदस्य और दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया भी इस महीने अलग-अलग क्षेत्रों के असोसिएशंस से भी मिलेंगे और कमिटी के लिए सिफारिशों को अंतिम रूप देंगे।