एयरपोर्ट पर बैग से अब नहीं निकालने पड़ेंगे लेपटॉप

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नई दिल्ली। एयरपोर्टों पर जांच के दौरान यात्रियों को लैपटॉप, टैबलेट्स और लिक्विड्स को हैंड बैग से बाहर निकालना पड़ता है। लेकिन जल्द ही यह अतीत की बात हो जाएगी। दुनिया के कुछ सबसे व्यस्ततम एयरपोर्टों पर उन स्क्रीनिंग मशीनों का ट्रायल चल रहा है जो बैग के भीतर रखे सामानों की 3D तस्वीर दिखाएंगी, लिहाजा सामानों को बैग से बाहर निकालने की जरूरत नहीं रहेगी।

भारतीय एयरपोर्टों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्यॉरिटी फोर्स (CISF) इन ट्रायल्स पर करीबी नजर रख रही है और इस तकनीक को यहां भी जांचने की योजना बना रही है। CISF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम इस तकनीक और इसके ट्रायल रन के नतीजों का अध्ययन कर रहे हैं।’

उन्होंने बताया कि इस तकनीक के भारतीय एयरपोर्टों पर भी ट्रायल की योजना है और अगर ट्रायल सफल रहा तो यात्रियों को स्क्रीनिंग के दौरान लैपटॉप, टैबलेट और लिक्विड्स को बैग से बाहर निकालने से निजात मिलेगी। 3डी स्क्रीनिंग मशीनों की तकनीक का न्यूयॉर्क के जॉन एफ. केनेडी और ऐम्सटर्डम के एयरपोर्ट पर परीक्षण हो चुका है।

फिलहाल लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इसका ट्रायल चल रहा है। इस नई तकनीक से बढ़ते एयर ट्रैफिक को मैनेज करने में भी काफी मदद मिलेगी। बता दें कि पिछले साल CISF ने व्यस्त एयरपोर्टों पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ का मुद्दा उठाया था।

CISF ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले 5 सालों में सभी एयरपोर्टों पर पैसेंजर ट्रैफिक में 65 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। उसमें कहा गया था कि एयरपोर्टों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है लेकिन सिक्यॉरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर जस के तस हैं, इस वजह से सिक्यॉरिटी चेक पॉइंट्स पर कंजेशन हो रहा है और सुरक्षाकर्मियों पर तेजी से स्क्रीनिंग का दबाव बढ़ रहा है।