दिल्ली से मुंबई का सफर अब कम समय में, 160 की रफ़्तार से चलेगी ट्रैन

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    कोटा। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कोटा से नागदा के मध्य 45 रेलवे क्रॉसिंग को हटाया जाएगा। इनकी जगह लिमिटेड हाइट सब-वे, ओवरब्रिज या डायवर्जन का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 10 रेलवे क्रॉसिंग इस साल बंद हो जाएंगे। इसके अलावा कोटा मंडल में जहां सर्वाधिक मवेशी ट्रैन से टकराते हैं, वहां इस साल 20 किमी रेल ट्रेक की फैंसिंग की जाएगी।

    दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर अभी अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलती हैं। इनकी रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटे तक बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। कोटा-नागदा रेलखंड रेलवे के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पश्चिमी कॉरिडोर में शामिल है।

    इस बारे में डीआरएम यू.सी. जोशी ने बताया कि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने से पहले सेफ्टी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। रेलवे क्रॉसिंग पर हादसे की संभावना रहती है। इसलिए जहां सड़क और रेलवे लाइन मिलती वहां अण्डरपास, डायवर्जन या आरओबी का निर्माण किया जाएगा। जोशी ने बताया की कोटा मंडल में अब एक भी मानव रहित फाटक नहीं है।

    घटेगी दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी!
    दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से क्रासिंग घटने और ट्रेनों की रफ्तार बढऩे से दोनों शहरों के बीच के सफर में लगने वाले तय समय में भी कमी आ जाएगी। ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 160 होने पर यात्रियों के 2 घंटे बचेंगे। मौजूदा समय में राजधानी श्रेणी की ट्रेनों को 1400 किमी का सफर तय करने में 13 से 14 घंटे का समय लगता है।
    आने वाले सालों में ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी

    रेलवे सूत्रों के अनुसार वर्ष 2020 तक समूचे रेल परिवहन की दिशा में आमूल-चूल परिवर्तन होगा। देश के सर्वाधिक व्यस्त रेल मार्ग दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच बन रहा स्वर्णिम चतुर्भुज समर्पित रेल गलियारा तेजी से तैयार हो रहा है। जिस पर सिर्फ मालगाडिय़ां चलेंगी। वहीं मौजूदा रेल लाइनों पर सिर्फ यात्री ट्रेनें चलेंगी। एेसे में वाया कोटा होकर दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा और रफ्तार बढऩे पर सफर भी जल्द पूरा होगा।