पढ़ाई खर्च बढ़ने से एजुकेशन लोन की रकम 47% बढ़ी

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मुंबई। एजुकेशन लोन लेने वाले छात्रों की संख्या में कमी आने के बावजूद देश में एजुकेशन लोन के टिकट साइज में पिछले वित्त वर्ष में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे पता चलता है कि देश की टॉप यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ाई तेजी से महंगी हो रही है।

क्रेडिट ब्यूरो सीआरआईएफ हाईमार्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 में कुल ₹82,600 करोड़ रुपये के एजुकेशन लोन बांटे गए, जो पिछले साल के मुकाबले 9.25 प्रतिशत ज्यादा हैं। वहीं, इस दौरान लोन लेने वाले छात्रों की संख्या 7 पर्सेंट घटकर 2.5 लाख हो गई। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2018 में प्रति छात्र को दिए जाने वाले एजुकेशन लोन की औसत रकम ₹9.6 लाख रुपये पहुंच गई, जो इसके पिछले साल 6.8 लाख रुपये थी।

सीआरआईएफ हाईमार्क के मार्केटिंग वाइस प्रेसिडेंट पारिजात गर्ग ने बताया, ‘हायर एजुकेशन के महंगा होने से एजुकेशन लोन के टिकट साइज में बढ़ोतरी हुई है। ज्यादातर छात्र अब विदेश जा रहे हैं। आईआईएम और आईएसबी जैसे देश के प्रीमियर संस्थानों में भी पिछले कुछ वर्षों में फीस में काफी बढ़ोतरी हुई है। पिछले 5 साल में 20 लाख से ज्यादा फीस के लिए लोन लेने वाले छात्रों की संख्या में छह गुना इजाफा हुआ है।’

एजुकेशन लोन के सेक्टर में आधे से ज्यादा लोन 4 लाख रुपये से कम के हैं। इसके साथ ही यह सबसे ज्यादा एनपीए वाला सेक्टर भी है। गर्ग ने बताया, ‘4 लाख तक लोन सेगमेंट में एनपीए की संख्या सबसे ज्यादा है। एजुकेशन लोन कैटेगरी का 85 पर्सेंट एनपीए इसी सेगमेंट का है जबकि 2 लाख से कम रकम के सेगमेंट में 11.61 पर्सेंट लोन एनपीए है।’

बैंक अब इस सेगमेंट में लोन देने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से इस सेगमेंट के लोन के आंकड़ों में तेजी से कमी आ रही है। गर्ग ने बताया, ‘बैंकों के लिए छात्रों के कोर्स और लोन के मोरेटोरियम पीरियड के पूरा होने के बाद उन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाता है।’ सरकारी बैंक का एजुकेशन लोन सेगमेंट में अभी भी दबदबा बरकरार है। पिछले वित्त वर्ष में कुल बांटे गए एजुकेशन लोन में 83 प्रतिशत हिस्सा सरकारी बैंकों का था।

हालांकि, इसके पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 90 पर्सेंट था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि एजुकेशन लोन के मामले में स्टेट बैंक के टिकट साइज और वॉल्यूम दोनों में इजाफा हुआ है। अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास करीब 30 पर्सेंट मार्केट शेयर है। हम किसी खास सेगमेंट पर फोकस नहीं करते। इसके बावजूद हम सरकार की तरफ से तय किए लोन वितरण के लक्ष्य का 95 पर्सेंट पूरा करते हैं।’