माल्या की संपत्तियां बेचकर बैंकों ने 963 करोड़ रुपए वसूले

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नई दिल्ली। बैंकों ने विजय माल्या की भारत में मौजूद संपत्तियां बेचकर 963 करोड़ रुपए की वसूली कर ली है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के एमडी अरिजित बसु ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बसु ने बताया कि लंदन में भी रिकवरी की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।

ब्रिटिश हाईकोर्ट ने ब्रिटेन के एनफोर्समेंट ऑफिसर को लंदन के पास हर्टफोर्डशायर में माल्या की प्रॉपर्टी में तलाशी और जब्ती की इजाजत दी है। यह आदेश भारतीय बैंकों के भी पक्ष में है। भारतीय बैंकों के लिए अब विदेश में माल्या की संपत्ति फ्रीज कर वसूली आसान हो जाएगी।

एसबीआई के एमडी ने कहा कि माल्या पर बकाया रकम की पूरी वसूली करने की कोशिश की जा रही है। ब्रिटिश कोर्ट के फैसले के बाद उम्मीद है कि रकम का बड़ा हिस्सा मिल जाएगा। एसबीआई के नेतृत्व में 13 बैंकों के कंजोर्शियम ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को लोन दिया था। 31 जनवरी 2014 तक माल्या पर बैंकों के 6,963 करोड़ रुपए बकाया थे। 2016 तक ये राशि करीब 9,000 करोड़ हो गई। कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ा तो मार्च 2016 में माल्या विदेश भाग गया।

भारत में माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस चल रहा है। हाल ही में उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था। उसने भारत में अपनी प्रॉपर्टी को ईडी के कब्जे से रिलीज करने की अपील की ताकि उन्हें बेचकर बैंकों का कर्ज चुका सके। लेकिन ईडी ने इसकी इजाजत देने से मना कर दिया।

प्रॉपर्टी की जब्ती को लेकर ईडी को गफलत: गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में ईडी के दिल्ली और मुंबई जोन में गफलत सामने आई। बेंगलुरू पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने माल्या की 159 प्रॉपर्टी की पहचान की है। लेकिन इनकी जब्ती नहीं हो पाई, क्योंकि इनमें से कुछ प्रॉपर्टी को मुंबई जोन पहले ही जब्त कर चुका है।

बाकी पर लिक्विडेशन की कार्रवाई चल रही है। ईडी दिल्ली जोन के वकील एनके मट्‌टा ने कोर्ट को बताया कि माल्या की दूसरी प्रॉपर्टी की पहचान के लिए थोड़ा वक्त चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। दिल्ली की अदालत ने 8 मई को माल्या की प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 12 अप्रैल को माल्या के नाम गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।