दिसंबर से अलग होंगे नेट एग्जाम के पेपर

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नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर ज्यादा साइंटिफिक बनाने की दिशा में नैशनल टेस्टिंग एजेंसी काम कर रही है। इस साल दिसंबर में जब नेट का पेपर होगा तो इसकी शुरूआत हो जाएगी। नेट का पेपर इस बार से ज्यादा साइंटिफिक होगा। इसके लिए नैशनल टेस्टिंग एजेंसी पेपर सेट करनेवालों की कई वर्कशॉप करेगी, जिसमें बताया जाएगा कि क्वेश्चन पेपर किस तरह सेट करने चाहिए।

इससे पहले फील्ड सर्वे भी किया जाएगा। नेट एग्जाम के बाद अगले साल से जेईई, नीट और सीमैट के पेपर भी ज्यादा साइंटिफिक तरीके से तैयार किए जाएंगे, ताकि सभी स्टूडेंट्स को बराबर का मौका मिल सके। एचआरडी मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, इस मसले पर मिनिस्ट्री के अंदर लंबी चर्चा के बाद तय किया गया कि पेपर सेट करनेवालों को साइंटिफिक तरीके से पेपर तैयार करना चाहिए।

इसमें इस बात का ध्यान होना चाहिए कि किसका टेस्ट लिया जा रहा है और उनमें क्या क्वॉलिटी तलाशने के लिए टेस्ट हो रहा है। अधिकारी के मुताबिक NET एग्जाम के लिए दिल्ली में जितने कठिन सवाल होंगे, उतने कठिन शायद अरूणाचल प्रदेश या किसी दूसरे राज्य के स्टूडेंट्स के लिए नहीं होंगे।

इसलिए सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिफिकल्टी लेवल तय किया जाएगा, ताकि सभी स्टूडेंट्स को बराबर मौका मिले। दिसंबर में होनेवाले नेट के बाद फिर जेईई, नीट और सीमैट के लिए भी पेपर कैसे सेट करने हैं। उन्होंने कहा कि अभी पेपर सेट करनेवाले कोचिंग सेंटर से प्रतियोगिता करते हुए दिखते हैं।

कोचिंग सेंटर जिस तरह पेपर की तैयारी कराते हैं उससे ज्यादा कठिन सवाल तैयार करना ही उनका मकसद दिखता है। कोचिंग सेंटर और पेपर सेटर्स की इस प्रतिस्पर्धा में स्टूडेंट्स पिस जाते हैं। लेकिन अब नैशनल टेस्टिंग एजेंसी पेपर सेटर्स के साथ वर्कशॉप कर इस बात का ध्यान रखेगी कि किसी भी पेपर का डिफिकल्टी लेवल कितना होना चाहिए।

साथ ही, वर्कशॉप में यह बताया जाएगा कि पेपर सेट करते वक्त यह ध्यान रखना चाहिए कि सवाल एक्सपर्ट के लिए नहीं स्टूडेंट्स के लिए हैं। सवाल कितने मुश्किल होंगे, यह भी एसी कमरों में बैठकर तय नहीं होगा, बल्कि इसके लिए फील्ड रिसर्च कराई जाएगी। इसकी वर्कशॉप नैशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी।