2030 तक इलेक्ट्रिक बैटरी से दौड़ेंगे वाहन, बंद होंगी डीजल-पेट्रोल गाड़ियां 

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नई दिल्ली। स्विट्जरलैड की बिजली क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एबीबी भारत में फ्लैश चार्जिंग उत्पाद लाने की तैयारी कर रही है। इससे किसी स्टॉप पर बस बैटरी को मात्र 17 सेकेंड में चार्ज (टॉप-अप) किया जा सकेगा। इसके अलावा कंपनी कारों के लिए दुनिया के सबसे तेज चार्जर भी लाने जा रही है जिससे आठ मिनट की चार्जिंग के बाद वाहन 200 किलोमीटर तक दौड़ सकेंगे।

यही नहीं कंपनी कंपनी कई तरह के ई-मोबिलिटी चार्जिंग समाधान लेकर भी आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनी अपने दावे पर खरी उतरी है तो देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की दिशा में सबसे बड़ी बाढ़ा दूर हो सकती है।

2030 तक देश में सिर्फ ईवी चलाने का लक्ष्य
केंद्र सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक देश में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह इलेक्ट्रिक चालित करने का है। वहीं इस अवधि में व्यक्तिगत परिवहन वाले 40 प्रतिशत वाहन को भी इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। सरकार के निर्देश के बाद ऑटो कंपनियों ने ईवी लाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। मारुति, महिंद्रा और टाटा जैसी कंपनियां इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू भी कर दी है। कई कंपनियों ने ईवी वाहन बाजार में उतारे भी हैं।

फ्लैश चार्जिंग से समय की बड़ी बचत
एबीबी के पास फ्लैश-चार्जिंग के साथ-साथ टर्मिनस की पूरी श्रृंखला जो इलेक्ट्रिक वाहन को सिर्फ 30 मिनट में पूरा चार्ज कर देगी। कंपनी ने बताया कि वह इस तरह का फ्लैश-चार्जिंग स्टेशन जिनेवा के कुछ मुख्य बस स्टॉप पर लगाया है। वहां, जब यात्री बस से चढ़ते या उतरते है तो फ्लैश चार्जर बस की बैटरी को चार्ज कर देता है।

वहीं टर्मिनस चार्जर को वैसे बस स्टॉप पर लगाया जा सकता है जहां पर बस लंबे समय तक रुकते हैं। एबीबी का दावा है कि इस चार्जिंग स्टेशन की सबसे अच्छी बात है कि इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की जरूरत नहीं है। साथ ही चार्जिंग के समय को काफी कम कर देगी।

नीति आयोग के साथ भी चर्चा
इस साल की शुरुआत में एबीबी ने नीति आयोग में एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाया था। वहीं, पिछले महीने स्पाइसश्फर ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के साथ इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए उन्नत कल-पुर्जे विनिर्माण पर चर्चा की थी।