तेल की बढ़ती कीमतों और जीएसटी से 18 राज्यों का बढ़ा टैक्स

868

मुंबई।  चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को तेल की बढ़ती कीमतों और जीएसटी के चलते बेहतर टैक्स कलेक्शन से 37,426 करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल हो सकता है। हालांकि जीएसटी से कुछ राज्यों को छोड़कर टैक्स रेवेन्यू पर मामूली असर पड़ा है।

एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स कंप्लायंस बढ़ने और ज्यादा टैक्स बेस के कारण वित्त वर्ष 18 में राज्यों का टैक्स रेवेन्यू बढ़ गया है। गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब को जहां सबसे ज्यादा जीएसटी से हुआ, वहीं जीएसटी लागू होने के बाद कर्नाटक, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम के टैक्स कलेक्शन में कमी दर्ज की गई।

टैक्सेशन के तरीके में बदलाव से इन राज्यों पर खासा असर पड़ा, क्योंकि जीएसटी में केंद्र और राज्यों के अंतर्गत आने वाले टैक्सेस सहित सर्विस टैक्स, वैट, एंट्री टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स जैसे इनडायरेक्ट टैक्स मिल गए थे, जिनका इन राज्यों के टैक्स रेवेन्यू में 55 फीसदी से ज्यादा योगदान था।

14 फीसदी से ज्यादा बढ़ा 16 राज्यों का रेवेन्यू
रिपोर्ट के मुताबिक, 24 में से 16 राज्यों के रेवेन्यू में 14 फीसदी की बेसलाइन से ज्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। केंद्र व राज्यों ने पारस्परिक सहमति से न्यूनतम टैक्स ग्रोथ की इस बेसलाइन को स्वीकार किया गया था, जिसके नीचे टैक्स रेवेन्यू रहने पर राज्यों के पक्ष में इसकी भरपाई करनी है।

राज्यों को जीएसटी से मिला 18698 करोड़ रु अतिरिक्त रेवेन्यू
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमने पाया कि वित्त वर्ष 18 के दौरान राज्यों को 18,698 करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल हुआ। यदि इस आंकड़े को क्रूड की कीमतों में बढ़ोत्तरी से राज्यों को हुए फायदे में जोड़ दिया जाएगा तो कुल आंकड़ा 37,426 करोड़ रुपए हो जाता है।’