12वीं पास बेटे ने 50 हजार में बना दिया ड्राइवर लैस ट्रैक्टर

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कोटा। खेत की जुताई करने के दौरान पिता की तकलीफ देखी तो 12वीं पास बेटे ने ड्राइवर लैस ट्रैक्टर बना दिया। यह ट्रैक्टर रिमोट से चलता है। इसे 1 किमी दूर से भी कंट्रोल किया जा सकता है। ट्रैक्टर के सामने कोई इंसान या पशु आएगा तो इसमें लगे सेंसर एक्टिव हो जाएंगे और ब्रेक लग जाएंगे। इंजन बंद हो जाएगा। ये अाविष्कार किया है बारां जिले में मांगरोल के पास बमोरी कलां निवासी योगेश नागर ने।

योगेश बीएससी फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं और कोटा में रहते हैं। योगेश के पिता रामबाबू खेती करते हैं। योगेश ने बताया कि ट्रैक्टर चलाने पर पिता के पेट में दर्द होता था। डॉक्टरों ने ट्रैक्टर चलाने से मना कर दिया। इससे खेती पर संकट आने लगा। इसी दौरान योगेश को ड्राइवरलेस ट्रैक्टर बनाने का आईडिया आया।

पिता से 2 हजार रुपए लेकर कुछ सामान खरीदा और डेमो करके दिखाया। रिमोट से ट्रैक्टर स्टार्ट होता देख पिता ने 50 हजार रुपए दिए। इससे कुछ ही समय में ट्रैक्टर तैयार कर दिया। अब योगेश के पिता छाया में बैठकर पूरे खेत की जुताई करते हैं।

योगेश ने अपना ये अविष्कार दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व प्रदेश के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी को दिखाया। केंद्रीय मंत्री ने भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्र निर्माण पुरस्कार दिया। दिल्ली व उदयपुर की यूनिवर्सिटी ने कृषि वैज्ञानिक का सम्मान दिया। लेकिन इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए किसी ने कोई मदद नहीं की।

ट्रैक्टर के सामने बाधा आते ही लग जाएंगे ब्रेक
इस ट्रैक्टर में ट्रांसमीटर और सेंसर लगे हुए हैं। रिमोट से ट्रांसमीटर को सिगनल मिलते हैं और फिर ये काम करता है। ट्रैक्टर के सामने कोई इंसान या पशु आएगा तो इसमें लगे सेंसर एक्टिव हो जाएंगे और ब्रेक लग जाएंगे। इंजन बंद हो जाएगा। रिमोट पैनल में भी एक छोटा सा स्टेयरिंग है जिससे ट्रैक्टर घूम सकता है।

अब तक 27 अाविष्कार कर चुके
छोटी सी उम्र में योगेश 27 से अधिक आविष्कार कर चुके हैं। योगेश नागर के आविष्कारों को देखकर आईआईटीयन भी हैरान रह जाएंगे। उनके आविष्कारों में मुख्य रूप से लहसुन कटाई मशीन, एंटी थेफ्ट अलर्ट सिस्टम, फायर सेफ्टी सिस्टम हैं। पावर कंट्रोल सिस्टम के जरिए मोबाइल से घर के बिजली उपकरण ऑपरेट किए जा सकते हैं।

ड्राइवरलेस टैंक बनाने का सपना
योगेश कहते हैं कि यदि सरकार से मदद और मंजूरी मिल जाए तो वो सेना के लिए ड्राइवरलेस टैंक बनाना चाहते हैं, ताकि युद्ध में देश के सैनिकों को नुकसान नहीं हो और टैंक आसानी से दुश्मनों के ठिकानों को आसानी से ध्वस्त कर दे।