पढ़ाई के डर से भागने वाला कृष्ण अब बनेगा पंचायत का पहला डॉक्टर

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कोटा।  रूक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पर चलकर मिलेंगे साये बहार के…. यदि सफल होना है तो थकना और हारना नहीं है, दृढ़ निश्चय व संकल्प के साथ लगातार प्रयास करते रहना है, ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है धौलपुर जिले के सखवारा गांव के कृष्ण कुमार ने।

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के छात्र कृष्ण ने कोटा में तीन साल रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी की और परिवार ही नहीं, गांव और पंचायत का सपना पूरा हुआ। सखवारा गांव ही नहीं पंचायत का कृष्ण पहला छात्र होगा जो सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करेगा, डॉक्टर बनेगा।

पिछले दिनों आए नीट के परिणामों में कृष्ण ने 580 अंकों के साथ ओबीसी में रैंक 911 तथा आलइंडिया रैंक 3099 प्राप्त की। पिता मुन्ना लाल किसान हैं और करीब 10 बीघा जमीन है, जिस पर ही परिवार की आय निर्भर है। आर्थिक संकट आया तो पिता मुन्ना लाल और मां रामभूली देवी ने नरेगा का जोब कार्ड भी बनवाया और कुछ दिन काम भी किया। पिता आठवीं पास हैं तथा मां असाक्षर हैं। एलन ने भी इस समय मदद की और संघर्ष को देखते हुए कृष्ण की फीस आधी कर दी।

कृष्ण ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा के बाद धौलपुर से 12वीं पास की। तब तक सिर्फ पीएमटी के बारे में सुना था। कुछ नहीं जानता था लेकिन पापा कहते हैं तू पढ़ाई कर सकता है, डॉक्टर बनकर दिखाना। उन्होंने प्रेरित कर मुझे कोटा भेजा, यहां एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया और पढ़ाई शुरू कर दी। शुरूआत में जब मुझे लगा कि पढ़ाई बहुत कठिन है तो थोड़ा सा डर गया और 4-5 महीने बाद ही मैं पढ़ाई छोड़कर गांव भाग गया।

मैंने पापा को भी बता दिया कि मुझे बहुत कठिन लग रहा है और मुझसे नहीं होगा। पापा के पास कुछ दिन रहा तो उन्होंने समझाया, इसी दौरान दोस्तों से भी बात हुई। उन्होंने भी मुझे समझाया। मैंने फिर पढ़ाई करने का मन बनाया। कोटा आया और पढ़ाई में लग गया। पहले साल बहुत कम नम्बर आए। मेरे दोस्त पास हो गए और मैं रह गया। एलन टीचर्स ने समझाया और कहा कोशिश जारी रखो, संकल्पित होकर पढ़ाई करो।

तब समझ आ गई कि सलेक्शन के लिए मुझे खुद को ही खुद की मदद करनी होगी। मैं पढ़ाई में लग गया। एलन द्वारा हर साल फीस में रियायत देकर मदद की गई। पिता ने भी पैसे उधार लेकर मेरी पढ़ाई करवाई। दूसरे साल भी निराशा हाथ लगी तो मैंने तीसरे साल पढ़ाई की, इस वर्ष के परिणाम मेरे लिए खुशियां लेकर आए।

कार्डियक सर्जन बनना चाहता हूं -कृष्ण ने बताया कि एमबीबीएस के बाद कार्डियक सर्जन बनने की इच्छा रखता हूं। हृदयरोग के बारे में बहुत पढ़ा, आज भी देश में हृदयरोग विशेषज्ञों की बहुत कमी है और मैं चाहता हूं कि गांव के मरीजों को भी हृदयरोग का इलाज सुलभ हो सके। इससे पूर्व कक्षा 10 में 73 प्रतिशत तथा कक्षा 12 में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

छात्र हित में हर प्रयास करेंगे 
हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि प्रयास कभी बेकार नहीं जाते। कृष्ण ने लगातार प्रयास किए, हिम्मत नहीं हारी तो आज उसका कॅरियर बना। कोटा इसी तरह गांव-ढाणी के विद्यार्थियों को प्रेरित कर रहा है। ऐसे विद्यार्थियों की मदद के लिए हम हर प्रयास करने के लिए तत्पर हैं।
– नवीन माहेश्वरी, निदेशक एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट