RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी कल करेगी ब्याज दरों पर घोषणा

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मुंबई। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक सोमवार को शुरू हो गई। यह बुधवार तक चलेगी। रेपो रेट बढ़ाने या नहीं बढ़ाने पर फैसले का ऐलान भी उसी दिन किया जाएगा। महंगाई को देखते हुए बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि अगस्त तक रेपो रेट 0.5% बढ़ सकता है।

उनका कहना है कि बुधवार को रेट नहीं बढ़े तो आरबीआई अपना आउटलुक ‘न्यूट्रल’ से ‘टाइट’ कर सकता है। तब अगस्त में जरूर रेट बढ़ेंगे। इससे होम और ऑटो लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे। अगस्त 2017 से रेपो रेट 6% पर है।

न्यूज एजेंसी रायटर्स के एक सर्वे में 60 विश्लेषकों में से 40% ने 6 जून को और बाकी ने अगस्त में रेट बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया। आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज के मुख्य अर्थशास्त्री ए. प्रसन्ना ने कहा, पहले हमें लग रहा था कि अगस्त में कर्ज महंगे होंगे। लेकिन मार्च तिमाही में 7.7% जीडीपी ग्रोथ के बाद जून में ही रेपो रेट बढ़ने के आसार लग रहे हैं।

एएनजेड ने तो 6 जून को 0.25% और अगस्त में भी 0.25% रेट बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया है। बार्कलेज में ट्रेडिंग विभाग के प्रमुख अनिंद्य दासगुप्ता ने कहा कि बाजार मान कर चल रहा है कि 6 महीने में रेपो रेट 0.50% बढ़ेंगे।

अगस्त 2017 से रेपो 6% पर
इससे पहले 28 जनवरी 2014 में रेपो रेट में वृद्धि हुई थी। तब इसे 7.75% से बढ़ाकर 8% किया गया था। उसके बाद 7 बार में इसे घटाकर 6% पर लाया गया। अगस्त 2017 से यह 6% पर बरकरार है।

महंगाई 6 महीने से 4% के ऊपर
रिजर्व बैंक की बड़ी चिंता महंगाई है। सरकार और आरबीआई ने खुदरा महंगाई को औसतन 4% पर रखने का फैसला किया था। लेकिन यह 6 महीने से 4% के ऊपर है। अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.58% थी।

क्रूड एक साल में 62% महंगा हुआ
भारतीय बास्केट का क्रूड 6 महीने में 21% और एक साल में 62% महंगा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड के दाम 6 महीने में 20% और एक साल में 70% बढ़े हैं। 2017 में दूसरी एशियाई करेंसी की तुलना में रुपया सबसे मजबूत रहा था। लेकिन 2018 में यह सबसे ज्यादा कमजोर हुआ है। जनवरी से अब तक डॉलर के मुकाबले इसमें 4.7% गिरावट आ चुकी है।