लोन ले कर ना चुकाने वालों वाले होंगे परेशान, उनकी कंपनियां होंगी बंद

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कोटा। लोन ले कर ना चुकाने वालों वाले अब परेशान होंगे, उनकी कंपनियां बंद होंगी। इंसॉल्वेंसी कानून में सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है।  दिल्ली के CA मनीष कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में इंसॉल्वेंसी कानून की जानकारी देते हुए बताया कि इसे 2016 से लागू किया गया था। 

उन्होंने बतया कि सीए, सीएस, सीडब्ल्यूए जो 10 वर्ष या उससे अधिक समय से सदस्य हैं,  वह इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया की परीक्षा पास कर इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल की डिग्री ले सकते हैं। इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल कंपनियों की वित्तीय स्थिति के खराब होने की स्थिति में या उस कंपनी के क्रेडिटर्स को भुगतान न करने की स्थिति में अपॉइंट किया जाता है।

वह उस कंपनी का संपूर्ण प्रबंधकीय व वित्तीय नियंत्रण अपने हाथों में ले लेता है और कंपनी के वित्तीय व अन्य लेनदारों का भुगतान कंपनी की संपत्तियों से कंपनी को चालू रखते हुए करता है। इसमें उसे कंपनी के प्रबंधन की समस्त शक्तियां प्राप्त हो जाती है । यह एक्ट इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया की ऐसे व्यापारी जो बैंकों व विभिन्न संस्थाओं या फर्मों या व्यापारियों से पैसे लेकर भाग जाते थे, उन पर शिकंजा कसा जा सके।

अब उनका इस तरह से भागा जाना संभव नहीं रहेगा। क्योंकि कोई भी कंपनी यदि अपने संपत्तियों को अपने क्रेडिटर्स को धोखा देने की नियत से खुर्द-बुर्द करती है, तो वह अब ऐसा नहीं कर पाएगी। अब इस तरह के लेन-देन कानून के नजर से अप्रभावी माने जाएंगे।  

उन्होंने यह भी बताया कि पहले कंपनी को लोन देने वाले या उधार पर माल देने वालों को या सेवाओं देने वालों को अपने पैसे वसूलने के लिए बहुत लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था और तब भी तब भी धनराशि वसूल हो जाएगी, यह बात सुनिश्चित नहीं होती थी।  परंतु अब इस कानून के बाद समयबद्ध और प्रभावी तरीके से उस राशि का वसूली किया जाना संभव हो गया है।

फिलहाल यह अधिनियम सिर्फ कंपनी व लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म पर ही लागू किया गया है, परंतु भविष्य में व्यक्ति वह फर्म भी इसमें सम्मिलित कर लिए जाएंगे। और आज की तारीख में सिर्फ 2000 की फीस देकर ही लेनदार अपनी याचिका दाखिल कर सकता है।

कोटा ब्रांच के सीपीई चेयरमैन सीए आशीष व्यास ने बताया कि द्वितीय सत्र में दिल्ली से आये CA अतुल कंसल ने बताया कि यदि कंपनी को चालू रखते हुए कंपनी के क्रेडिटर्स या लोन प्रदाताओं को पैसे नहीं चुकाया जा जाता है तो उस स्थिति में या फिर कंपनी के उस स्थिति में चालू रहने के लिए कोई प्रभावी योजना नहीं बनाई जा सकती।

 नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल उस कंपनी को बंद करने की कार्यवाही करने की इजाजत दे देती है, और इसमें भी इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जो कंपनी की समस्त संपत्तियों का निस्तारण कर क्रेडिटर्स को पैसे का भुगतान कर, उस कंपनी को बंद करने के लिए एनसीएलटी को प्रेषित कर देता है।

ब्रांच के उपाध्यक्ष CA पंकज दाधीच वह कोषाध्यक्ष योगेश चांडक ने बताया कि कार्यक्रम में कोटा से ब्रांच के वरिष्ठ और महिला सदस्यों ने भी भाग लिया कार्यक्रम का संचालन सचिव CA नीतू खंडेलवाल ने किया। कोटा ब्रांच चेयरमैन CA कुमार विकास जैन ने बताया कि कार्यशाला में 2 सत्र आयोजित किए गए थे।