जीएसटी चोरी मामला :50 से ज्यादा खातों में 100 करोड़ का संदिग्ध ट्रांजेक्शन

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जयपुर। बोगस फर्मों से पौने चार सौ करोड़ रुपए के फर्जी ट्रांजेक्शन के मामले में डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटीआई) की जयपुर टीम ने अब तक ढाई सौ से ज्यादा बैंक खाते खंगाले है और इनमें से 50 से ज्यादा खातों में करीब 100 करोड़ रुपए का संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिला है।

विभाग ने इस ट्रांजेक्शन को बोगस फर्मों द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन का हिस्सा माना है अौर रुपयों के लेनदेन का पता लगाया जा रहा है। ऐसे खाताधारकों को बयान लिए बुलाया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी में रजिस्टर्ड अब तक 87 फर्जी फर्मों का पता लग चुका है जो कि फर्जी ट्रांजेक्शन दर्शाकर कर चोरी और गलत तरीके से आईटीसी क्लेम उठा रहे थे।

अब तक इस मामले में यूपी के मास्टर माइंड संदीप अग्रवाल, सहयोगी रामसिंह और जयपुर निवासी पंकज खंडेलवाल की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में 100 लोगों की अलग-अलग टीमों के माध्यम से पड़ताल हुई है। अधिकारियों की कहना है कि चैन दर चैन का पता लग रहा हे। ऐसे में फर्जी ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 367 करोड़ रुपए से बढ़कर एक हजार करोड़ रुपए को पार कर सकता है।

कोई मजदूर तो कोई नौकर
इंटेलीजेंस के अफसरों ने बताया कि बोगस फर्मों के संचालक अधिकांश मजदूर- नौकर या छोटे कर्मचारी के नाम से है। इनके पास जैसे ही टैक्स चोरी के नोटिस पहुंचते है । घर में रोना – पीटना शुरू हो जाता है। विभाग के अफसर भी असमंजस में है कि इतने गरीब लोगों को क्या करोड़ों रुपए की रिकवरी के नोटिस दें। इन लोगों ने थोड़े से कमीशन या लालच में आकर डॉक्यूमेंट दिए थे।

कर सलाहकार राडार पर
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेशभर में कई ऐसी बोगस फर्में है जिनके ट्रांजेक्शन संदिग्ध है । पड़ताल जारी है। इसके अलावा कई कर सलाहकार और चार्टेंड अकाउंटेंट भी राडार पर है। ऐसे लोगों के नाम विभागीय पड़ताल और गुप्त सूचनाओं के माध्यम से मिल रहे है। इंटेलीजेंस जल्द ही कर चोरी और फर्जी क्लेम उठाने वाले मामले में खुलासा करेगी । हालांकि अभी सबूत जुटाने जैसे प्रोसेस पर विभाग की टीम लगी हुई है। उधर बोगस फर्मों के नाम से जिन – जिन लोगों ने बतौर ग्राहक या सहयोगी ताल्लुक रखा है।

फर्जी ट्रांजेक्शन बंद होंगे
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी रिटर्न भरने पर करचोरी और फर्जी तरीके से आईटीसी क्लेम उठाना संभव नहीं होगा क्योंकि इसकी एक बार से ज्यादा एंट्री होने पर ऑनलाइन पता चल जाएगा। हालांकि इस बार रिटर्न भरने की तिथि बढ़ने की वजह से कुछ लोग इस तरह की गड़बड़ी करने में सफल हो सके है लेकिन अगली बार ये संभव नहीं होगा।