सूने मकान में घुसने पर मकान मालिक को मोबाइल करेगा अलर्ट

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सीपीयू के इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) ट्रेनिंग प्रोग्राम में एक्सपर्ट सिखा रहे तकनीक

कोटा। जल्दबाजी में घर के लाइट-पंखे व अन्य विद्युत उपकरण बंद करना भूल गए या फिर मकान लॉक है और कोई चोरी की नियत से अंदर घुसा तो तुरंत आपका मोबाइल आपको अलर्ट कर देगा। घर से हजारों किमी दूर बैठकर भी आप पलक झपकते ही अपने मोबाइल फोन से घर के विद्युत उपकरण ऑन-ऑफ कर सकेंगे।

इतना ही नहीं आपकी गैर मौजूदगी में मकान में आने जाने वालों की तस्वीर भी अपने मोबाइल की स्क्रीन पर दिखेगी। इससे आए दिन सूने मकानों में होने वाली चोरी की वारदातों का खुलासा करने में पुलिस को मदद मिलेगी। सोमवार को डकनिया स्टेशन रोड स्थित सीपी टॉवर में कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी कोटा के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की ओर से चल रहे समर कैम्प में भावी इंजीनियरों ने होम ऑटोमेशन तकनीक सीखी।

स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट द्वारा स्मार्ट होम व स्मार्ट बिल्डिंग के पहले चरण के दौरान यह तकनीक सिखाई गई।  सीपीयू के अकादमिक निदेशक डॉ. गुरूदत्त कक्कड़ ने बताया कि होम ऑटोमेशन तकनीक के जरिए लॉक मकान के अंदर चल रहे पंखे, कूलर, एसी, लाइट आदि को आवाज या चुटकी बजाकर बंद चालू किया जा सकेगा। प्रथम चरण में स्टूडेंट्स को इंटरनेट के जरिए मोबाइल फोन से बल्ब जलाना व बंद करना सिखाया गया। 

सहायक प्रोफेसर व प्रोग्राम कॉर्डिनेटर मोहनीश विद्यार्थी ने बताया कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण ले रहे स्टूडेंट्स को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से अवगत कराया जा रहा है। 45 दिवसीय इस कोर्स के तहत सातवें दिन स्टूडेंट्स ने स्मार्ट होम की पहली स्टेज सीखी।

स्टूडेंट्स ने मोबाइल रिंगटॉन, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, रेफ्रिजरेटर में आने वाले बजर की आवाज को बनाना सीखा। इसके अलावा हाईवोल्टेज व लो वोल्टेज को कंट्रोल करना भी सिखाया गया। एक्सपर्ट अजय सैनी व प्रवेश कुमार सहित तकनीकी टीम द्वारा स्टूडेंट को नई टैक्नोलोजी सिखा रहे है। 

खर्चा महज एक हजार
सहायक प्रोफेसर व प्रोग्राम कॉर्डिनेटर मोहनीश विद्यार्थी ने बताया कि होम ऑटोमेशन तकनीक के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने मकान, दुकान व मल्टीस्टोरी में विद्युत उपकरण बंद चालू करने के साथ-साथ सैकड़ों किलोमीटर दूर होकर भी निगरानी रख सकेगा। मकान की लोकेशन मोबाइल स्क्रीन पर भी नजर आएगी।

इसके लिए मकान में विद्युत बोर्ड के पास माइक्रोकंट्रोलर व रीले के साथ पुराने मोबाइल फोन या सीसी कैमरा लगाना पड़ेगा। इस प्रक्रिया के दौरान इंटरनेट होना आवश्यक है। यूजर को अपने मोबाइल में गूगल असिस्टेंट एप्लीकेशन डाउनलोड करनी होगी। इस एप्लीकेशन में यूजर को वाइस कमांड के जरिए निर्देश देने होंगे। इसकी सिस्टम की अनुमानित कीमत करीब एक हजार रूपए आएगी।