पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में 15% तक कटौती करें राज्य : नीति आयोग

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नई दिल्ली । देश में तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर नीति आयोग ने गुरुवार को कहा कि राज्यों के पास पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटने की क्षमता है। वहीं, दाम कम करने के लिए केंद्र भी कोशिश करे। आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने न सिर्फ पेट्रोल-डीजल बल्कि बिजली को भी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की पैरवी की।

वहीं, केंद्र की इस पहल को लेकर अब तक सिर्फ एक भाजपा शासित राज्य (महाराष्ट्र) ने सहमति जताई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जीएसटी में आने से तेल कीमतें घट सकती हैं। हम तैयार हैं, पर दूसरा राज्य नहीं।

– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाना केंद्र और राज्यों की प्रथामिकता में है। ड्यूटी में राज्यों का हिस्सा ज्यादा है, इसलिए वे तेल की कीमतें कम करने के लिए ज्यादा बेहतर प्रयास कर सकते हैं।
– उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए यह अहम होगा कि वे टैक्स में 10 से 15% तक की कटौती करें। अभी कई राज्य 27% तक ड्यूटी लगा रहे हैं।

जीएसटी के दायरे में आने से कम हो सकती हैं कीमतें
– राजीव कुमार ने कहा कि केंद्र को बिना टैक्स लगाए रेवेन्यू जुटाने का दायरा बढ़ाना चाहिए। पिछले साल हमने अच्छा किया। इसके लिए बजट के लक्ष्य में भी बढ़ोत्तरी की गई। इस साल भी अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है। न सिर्फ पेट्रोल-डीजल बल्कि बिजली को भी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहिए।

 उधर, गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से कीमतें घट सकती हैं। हमने पिछले साल जुलाई में ही इसके लिए हामी भर दी थी, पर दूसरा कोई राज्य इसके लिए आगे नहीं आया।

तेल कीमतें कम करने के लिए सरकार कोशिश कर रह
– पेट्रोलियम मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपए के घटने से तेल की कीमतों में उछाल आया है। भारत सरकार इसे ध्यान में रखते हुए संवेदनशील तरीके से फौरी और स्थाई तौर पर हल निकालने की कोशिश कर रही है ताकि आम नागरिकों के परेशानी न हो। इसके लिए कई तरह के रास्तों पर विचार किया जा रहा है। इनमें से जीएसटी भी एक है, कीमतें स्थिर करने के लिए इसे भी अपनाया जा सकता है।”