नई दिल्ली। अगर कोई नया बिजनेस करना चाहता है, तो उसके लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन, बिजली कनेक्शन, नाम तय करने की सुविधा सरकार ने आसान कर दी है। सरकार के अनुसार कारोबारी फीस छूट से लेकर कई ऐसे अहम सुविधा दी गई है, जिससे उसके लिए बिजनेस करना आसान हो जाएगा।
सरकार ने खास तौर से दिल्ली और मुंबई क्षेत्र में कारोबार शुरू करने पर ऑनलाइन बिजली कनेक्शन की भी सुविधा शुरू कर दी है। यहां केे कारोबारियों को 15 दिन के अंदर एप्लीकेशन के बाद बिजली कनेक्शन मिल जाएगा।
10 लाख तक की ऑथराइज्ड कैपिटल पर फीस नहीं
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने 10 लाख रुपए तक की ऑथराइज्ड कैपिटल वाली कंपनी के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं लेने का फैसला किया है। यानी कारोबारी को कंपनी के इनकॉरपोरेशन के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी। साथ ही मंत्रालय का दावा है कि एक दिन के अंदर कंपनी बनाने का प्रोसीजर पूरा हो जाएगा।
इसके अलावा कारोबारी अब इनकॉरपोरेशन के समय कंपनी का यूनीक नाम भी रिजर्व कर सकेगा। इसके लिए वेब बेस्ड सर्विस रन (RUN) शुरू किया गया है। साथ ही पैन, टैन और डीआईएन लेने के लिए एक एप्लीकेशन का फॉर्मेट तैयार किया गया है। इन सबके लिए कारोबारी को अलग-अलग फॉर्म नहीं भरने होंगे।
कंस्ट्रक्शन परमिट मिलेगा जल्द
इसी तरह कंपनी के लिए जरुरी कंस्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए परमीशन का तरीका भी आसान कर दिया गया है। कारोबारी को 60 दिन के अंदर कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सभी तक की परमिट मिल जाएगी।
बिल्डिंग अप्रूवल जल्द हो इसके लिए उसे रिस्क बेस्ड क्लासिफिकेशन कैटेगरी में डाल दिया गया है। साथ ही कंस्ट्रक्शन परमिट में एक सिंगल फॉर्म और ज्वाइंट इंसपेक्शन की भी सुविधा शुरू की गई है।
3 दिन में मिलेगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन
इसी तरह नए कारोबारी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर अधिकतम तीन दिन में दे दिया जाएगा। इसके अलावा हर महीने उसे सिर्फ रिटर्न जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी फाइल करनी होगी। साथ ही 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कारोबारियों को कॉरपोरेट टैक्स30 फीसदी की जगह 25 फीसदी देना होगा।
दिल्ली-मुंबई में ऑनलाइन बिजली कनेक्शन
अब 100 केवी से अधिक वाले बिजली के मीटर मुंबई और दिल्ली में ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए मिलेंगे। बिजली के कनेक्शन के लिए 3 प्रोसेस होंगे और सिर्फ 2 डॉक्युमेंट आइडेंटिटी प्रूफ और ओनरशीप प्रूफ देना होगा। इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कनेक्शन 15 दिन में मिल जाएगा।
किए कानूनी सुधार
सरकार ने डिस्ट्रिक लेवल पर कमर्शियल कोर्ट बनाए है। अभी 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के कमर्शियल मामलो की सुनवाई कोर्ट करते थे लेकिन अब 3 लाख रुपए से ज्यादा के मामलों की सुनवाई इन कोर्ट में होगी।