टी-बैग की स्टैपल पिन से पेट एवं गले में इंफेक्शन का खतरा

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जयपुर। यदि आप टी-बैग उपयोग में ले रहे हैं तो गौर कीजिए कहीं उसमें स्टैपल पिन तो नहीं है। यदि उसमें स्टैपल पिन है तो उसे उपयोग में नहीं लें। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में माना गया है कि टी-बैग की स्टैपल पिन सेहत के लिए नुकसानदायक है।

लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि स्टैपल किए गए पिन को नुकसानदायक बताने के बावजूद यह नोटिफिकेशन करीब एक साल बाद यानी अप्रैल 2019 से लागू होगा। ऐसे में किसी भी प्रदेश का फूड डिपार्टमेंट इस एक्ट के तहत स्टैपल पिन लगे टी-बैग बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई नहीं कर पाएगा। एफएसएसएआई ने एक जनवरी 2018 में यह नोटिफिकेशन जारी किया।

गेस्ट्रो डिजीज होंगी
मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार स्टैपल पिन गर्म पानी में काफी देर तक डूबी रहती है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति लगातार स्टैपल पिन लगे टी-बैग का यूज करता है तो वह पेट में इंफेक्शन, गले में दर्द कर सकती है।

फूड एक्ट में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति खाने के काम अाने वाले ऑयल को दो से तीन बार से अधिक गर्म कर यूज्ड नहीं कर सकता। वह नुकसान करता है। एफएसएसएआई ने वर्ष 2017 में एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि यूज्ड ऑयल के लिए कोई पैरामीटर निर्धारित नहीं हैं। इसलिए टोटल पोलर कंपाउंड का निर्धारण करेंगे। उसके बाद ही अनसेफ की लिमिट तय की जाएगी।