कच्चे तेल की कीमतें और कर्नाटक चुनाव के नतीजे तय करेंगे बाजार की चाल

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नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों की दिशा अगले सप्ताह कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजों , मु्द्रास्फीति के आंकड़ों , कच्चे तेल की कीमतों और कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणामों से तय होगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 15 मई को आने हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि नतीजों का अगला चरण महत्वपूर्ण होगा , क्योंकि यदि इसमें किसी तरह की कमी रहती है तो बाजार को नुकसान हो सकता है। निवेशकों की निगाह घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों तथा कर्नाटक चुनाव नतीजों पर भी रहेगी।

कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष पीसीजी रिसर्च संजीव जरबादे ने कहा कि सभी की निगाह कर्नाटक चुनावों के नतीजे पर है। इससे कुछ उतार – चढ़ाव आ सकता है। इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं।

ईरान परमाणु करार से अमेरिका के हटने के बाद अब सभी की निगाह कच्चे तेल की कीमतों पर भी होगी। एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि चुनाव हमेशा से किसी सरकार के प्रति भरोसे को दर्शाते हैं।
आम चुनाव में अब एक साल बचा है जबकि कई अन्य राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। लघु अवधि के लिए कुछ उतार -चढ़ाव रह सकता है , क्योंकि मुनाफावसूली का सिलसिला चल सकता है।

इन कंपनियों के आने हैं नतीजे
अगले सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं उनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर , ल्यूपिन , पंजाब नेशनल बैंक , हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और आईटीसी शामिल हैं।

इनका भी होगा असर
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू कारकों के अलावा वैश्विक स्तर पर भू राजनैतिक घटनाक्रम , विशेषकर पश्चिम एशिया की गतिविधियों का असर भी वैश्विक स्तर पर बाजारों को प्रभावित करेगा। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 620 अंक या 1.78 प्रतिशत के लाभ से 35,536 अंक पर पहुंच गया।