केपाटन में लहसुन खरीद केंद्र शुरू नहीं, कलेक्ट्रेट पर लगाया जाम

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कोटा। सरकार व प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन बेचने के लिए किसान भटक रहे हैं। केशवरायपाटन मंडी में राजफेड ने स्थापित किया लहसुन खरीद केंद्र अब तक शुरू नहीं हुआ।

वहीं, बूंदी कलेक्टर ने आदेश जारी कर कहा कि जिले के किसान अपना लहसुन कोटा भामाशाहमंडी केंद्र पर ले जाकर बेचें। मंगलवार को बूंदी के चड़ी गांव का किसान रामनिवास मीणा 80 कट्टे लहसुन लेकर भामाशाहमंडी पहुंचा। लेकिन, यहां उसका लहसुन खरीदने से मना कर दिया। किसानों को ट्रॉली में भरे लहसुन को वापस गांव ले जाना पड़ा।

बूंदी कलेक्टर के आदेश सुनकर लेसरदा गांव से धर्मेंद्र शर्मा, चितावा से महावीर मीणा, दुआ गांव से यशपाल, अडीला से महावीर कुशवाह, तामखेड़ा से बृजराज चौधरी लहसुन खरीद के बारे में पता करने आए। पर खरीद न होने से किसानों में बूंदी जिला प्रशासन के प्रति आक्रोश है। किसान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथ बूंदी कलेक्टर का घेराव करेंगे।

कलेक्टर को सीएम के नाम दिया ज्ञापन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने रामनिवास मीणा की लहसुन से भरी ट्रॉली को कोटा कलेक्ट्रेट के मेन गेट खड़ी की। तीन कट्टे नीचे रखकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कलेक्टर गौरव गोयल को सीएम के नाम ज्ञापन दिया। किसानों ने मांग की लहसुन की 12 मई की खरीद को 30 जून तक बढ़ाया जाए। केशवरायपाटन खरीद केंद्र को शुरू करके बूंदी जिले के किसानों का लहसुन खरीदा जाए।

समिति के संयोजक फतेहचंद बागला, किसान नेता दुलीचंद बोरदा व चतुर्भुज पहाड़िया ने बूंदी कलेक्टर व एडीएम से वार्ता की। किसान नेताओं ने कहा बूंदी कलेक्टर केशवरायपाटन में लहुसन खरीद नहीं करवा रहे हैं। बल्कि बूंदी के किसानों को बिना कोई व्यवस्था के कोटा मंडी भेज रहे हैं।

ऐसा करके किसानों ने बूंदी कलेक्टर ने गुमराह किया है। लेसरदा से आए किसान धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि उसका 30 अप्रैल का टोकन है। लेकिन, अब तक उसका लहसुन राजफेड ने खरीदा नहीं। इस मौके पर नंदलाल, रणवीर सिंह झाला, अब्दुल हमीद गौड़ मौजूद रहे।

5339 क्विंटल लहसुन खरीदा
7 मई तक के राजफेड के रिकॉर्ड के अनुसार कोटा भामाशाहमंडी में 107 किसानों से 3769 क्विंटल लहसुन खरीदा गया। बारां में 19 किसानों से 751.50, छीपाबड़ौद में 21 किसानों से 738.50 व खानपुर में 2 किसानों से 80 क्विंटल लहसुन खरीदा। जबकि केशवरायपाटन में खरीद शून्य है।

किसानों ने लहसुन की खरीद के लिए किया हंगामा, अधिकारी भी लेट पहुंचे
लहसुन की खरीद 12 मई तक होनी है और अभी तक केवल 1500 क्विंटल लहसुन की खरीद हुई है। इससे नाराज किसानों ने मंगलवार को भामाशाहमंडी के खरीद केंद्र पर हंगामा किया। किसानों का कहना था कि यहां नियम में आ रहे लहसुन को भी फेल किया जा रहा है।

किसान नेता दूलीचंद का कहना था कि यहां अधिकारी लापरवाही कर रहे। अनंतपुर सीआई अमरसिंह राठौड़ ने किसानों को समझाइश दी। उसके बाद राजफैड और सहकारी समितियों के अधिकारियों को फोन किए, लेकिन वे 12.30 बजे तक भी नहीं पहुंचे।

किसान नेताओं ने भामाशाहमंडी बंद करने की चेतावनी दी तो उसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने खरीद शुरू की। किसान नेताओं का कहना था कि वे देखना चाहते हैं कि कौनसा लहसुन फेल कर रहे हैं। मंगलवार को 14 ट्रैक्टर लहसुन आया था। इसमें से अधिकतर खरीद लिया गया।

इसके बाद किसान नेता वहां से गए। दूलीचंद ने कह कि वे इसकी तारीख बढ़ाने की मांग भी करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में फतेहचंद बागला, अब्दुल हमीद गौड़, पन्नालाल, कन्हैयालाल मौजूद थे।

जगह की समस्या है यहां
राजफैड ने हाड़ौती में 5 केंद्र एक साथ शुरु किए थे। केपाटन की कृषि उपज मंडी में जगह नहीं मिलने से स्वीकृत केंद्र पर लहसुन खरीद नहीं सका। बाकी केंद्र पर खरीद चालू है। 12 मई खरीद की अंतिम तारीख है। खरीद आगे बढ़ाने के आदेश सरकार से नहीं आए है। नरेश शुक्ला, आरएम, राजफेड