कमजोर वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स 73 अंक टूटकर बंद

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नई दिल्ली। ग्लोबल बाजारों में कमजोरी और यूएस फेड द्वारा आगे ब्याज दरें बढ़ाए जाने के संकेत के चलते घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी दिख रही है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 124 अंकों की गिरावट है। सेंसेक्स 35052 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

वहीं, निफ्टी 52 अंक टूटकर 10666 के स्तर पर आ गया है। यूएस फेड द्वारा दरें बढ़ाए जाने के संकेत से जहां डाऊ जोंस 170 अंक गिरकर बंद हुआ। वहीं, एशियाई बाजारों में भी दबाव दिख रहा है। आज के कारोबार में चौतरफा बिकवाली दिख रही है।

इससे पहले, सेंसेक्स 18 अंक कमजोर होकर 35159 के स्तर पर खुला। वहीं, निफ्टी भी 8 अंक टूटकर 10710 के स्तर पर खुला। बुधवार को सेंसेक्स 16 अंक मजबूत होकर 35176 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 21 अंक गिरकर 10718 के भाव पर बंद हुआ था।

हैवीवेट शेयरों में 6.89% तक गिरावट
हैवीवेट HCL टेक, एचयूएल, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, मारुति, आयशर मोटर, सिप्ला, टीसीएस और इंफोसिस में बिकवाली से 1.72 फीसदी से 6.89 फीसदी तक गिरावट है। HCL टेक का शेयर 6.89 फीसदी तक टूटा है। फिलहाल सेंसेक्स 0.38 फीसदी और निफ्टी 0.48 फीसदी लुढ़ककर कारोबार कर रहा है।

मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में कमजोरी
लार्जकैप शेयरों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.52 फीसदी गिरा है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.68 फीसदी की गिरावट आई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.61 फीसदी टूटा है।

मिडकैप शेयरों में वक्रांगी, बायोकॉन, आईजीएल, अजंता फार्मा, टाटा कम्युनिकेशंस, गृह फाइनेंस, पेट्रोनेट, रिलायंस इंफ्रा, ओबेरॉय रियल्टी, मुथूट फाइनेंस 4.95-1.99 फीसदी तक गिरे हैं। हालांकि एलटीआई, कैनरा बैंक, अशोक लेलैंड, एमआरपीएल, कॉनकोर, वॉकहार्ट फार्मा, 1.26-3.94 फीसदी तक बढ़े।

सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में
एनएसई पर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करता दिख रहा है। बैंक निफ्टी इंडेक्स 0.16 फीसदी टूटकर 25,528.60 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। ऑटो इंडेक्स 0.32%, एफएमसीजी इंडेक्स 0.96%, आईटी इंडेक्स 1.38%, मेटल इंडेक्स 0.22%, फार्मा इंडेक्स 1.09% और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 1.39% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।

US फेड ने नहीं बढ़ाईं दरें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दो दिन की बैठक के बाद ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव न करने का फैसला लिया है। यूएस फेड का कहना है कि सेंट्रल बेंक ने महंगाई के लिए जो टारगेट तय किया था, महंगाई उसी दायरे में रहने की उम्मीद है। ऐसे में इस साल 2 बार ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि जून में होने वाली बैठक में यूएस फेड ब्याज दरें बढ़ा सकता है। इसके पहले मार्च में फेड ने इस साल पहली बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। अभी अमेरिका में ब्याज दरें 1.75 फीसदी हैं।