भारत में सोने की डिमांड 12% घटी, आयात 50% कम

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मुंबई। भारत में इस साल की पहली तिमाही में सोने की डिमांड 12 फीसदी गिरकर 115.6 टन रह गई। डिमांड में कमी की वजह घरेलू बाजार में ऊंची कीमतें होना है। वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। काउंसिल के अनुसार, जनवरी-मार्च 2017 में देश में सोने की डिमांड 131.2 टन थी। वहीं, सोने का आयात इस दौरान 50 फीसदी गिरकर 153 टन रह गया, जो पिछले साल जनवरी-मार्च में 260 टन था।

वैल्‍यू टर्म में 8% घटी मांग
WGC की 2018 की पहली तिमाही की रिपोर्ट ‘गोल्‍ड डिमांड ट्रेंड्स’ के अनुसार, वैल्‍यू के संदर्भ में सोने की डिमांड 8 फीसदी गिरकर 31,800 करोड़ रुपए पर आ गई, जो 2017 की इसी अवधि में 34,440 करोड़ रुपए थी। वहीं, पहली तिमाही में कुल गोल्‍ड रिसाइकिल भी 3 फीसदी घटकर 14.1 टन पर आ गया, जो कि पिछले साल जनवरी-मार्च में 14.5 टन पर था।

क्‍यों गिरी सोने की डिमांड?
डब्‍ल्‍यूजीसी के एमडी पीआर सोमसुदंरम का कहना है कि सोने की डिमांड घटने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। जिनमें घरेलू बाजार में ऊंची कीमतें, शादी के सीजन में कम खरीददारी और बजट में आयात शुल्‍क में कटौती की उम्‍मीदें शामिल हैं। उन्‍होंने बताया कि जीएसटी पर शिफ्ट होने से खासकर असंगठित सेक्‍टर में डिमांड प्रभावित हुई।

इसके बाद पीएनबी बैंक घोटाले से ट्रेडिंग सेंटीमेंट बिगड़ा, जो अक्षय तृतीया तक बना रहा। सोमसुंदरन का कहना है कि पहली तिमाही में भारत में सोने के लिए साफ तौर पर अच्‍छा समय नहीं रहा। लोगों ने टैक्‍स उद्देश्‍यों के चलते अन्‍य फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट्स पर ज्‍यादा फोकस किया।

ज्‍वैलरी डिमांड भी 12% गिरी
काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में ज्‍वैलरी की डिमांड भी 12 फीसदी गिरकर 87.7 टन रह गई। 2017 की पहली तिमाही में ज्‍वैलरी डिमांड 99.2 टन दर्ज की गई थी। वैल्‍यू के संदर्भ में बात करें तो गहनों की डिमांड 7 फीसदी गिरकर 24,130 करोड़ रुपए रही, जो 2017 की इसी अवधि में 26,050 करोड़ रुपए थी।

सोने का आयात 50% गिरा
सोने का आयात 50 फीसदी गिरकर 153 टन रह गया, जो पिछले साल जनवरी-मार्च में 260 टन था। आयात में कमी की की मुख्‍य वजह सुस्‍त कंज्‍यूमर डिमांड, जीएसटी के बाद स्‍टॉक में कमी और बजट में ड्यूटी कट की उम्‍मीदें रहीं। इस साल आयात के अनुमान के बारे में सोमसुंदरम ने बताया किसोने का आयात कमोबेश उतना ही रह सकता है। 

जितनी की डिमांड रहेगी। 2018 में सोने की कुल डिमांड 700-800 टन के बीच रह सकती है। सोने की डिमांड बढ़ने को लेकर इंडस्‍ट्री पॉजिटिव है। क्‍योंकि मानसून अच्‍छा रहने का पूर्वानमान, रूरल इनकम बढ़ने और जीडीपी ग्रोथ में तेजी की संभावना है।

निवेश डिमांड 13% गिरी
WGC के अनुसार, जनवरी-मार्च 2018 में निवेश डिमांड भी 13 फीसदी गिरकर 27.9 टन रही गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 32 टन पर थी। वैल्‍यू में बात करें तो सोने की निवेश डिमांड 9 फीसदी घटकर 7660 करोड़ रुपए पर रही। 2017 की पहली तिमाही में यह 8390 करोड़ रुपए थी।

दुनिया में 7% घटी सोने की डिमांड
दुनिया में सोने की डिमांड जनवरी-मार्च 2018 के दौरान 7 फीसदी गिरकर 973 टन रह गई। जो पिछले साल इसी अवधि में 1047 टन थी।

डब्‍ल्‍यूजीसी का कहना है कि सोने की ग्‍लोबल डिमांड में गिरने की मुख्‍य वजह निवेश मांग में कमी रही। गोल्‍ड छड़ और गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश मांग कम हुई। पहली तिमाही में निवेश मांग 27 फीसदी गिरकर 287 टन रही, जो कि 2017 की पहली तिमाही में 394 टन थी।