ई-वे बिल की फिजिकल कॉपी नहीं होने पर सामान जब्त नहीं होगा: हाई कोर्ट

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नई दिल्ली। टैक्स अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई-वे बिल) की फिजिकल कॉपी नहीं होने पर सामान जब्त नहीं कर सकते। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) सिस्टम के तहत सामान ले जाने के लिए जरूरी दस्तावेज पर पहले आदेश में यह बात कही है।

अदालत का यह आदेश इसके लिए नजीर बन सकता है। ई-वे बिल को मोबाइल फोन या किसी अन्य डिवाइस पर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में भी स्टोर किया जा सकता है। जीएसटी सिस्टम के तहत अगर एक राज्य से दूसरे राज्य में निर्धारित रकम से अधिक और राज्य के अंदर तय से ज्यादा दूरी तक सामान ले जाने पर ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य है।

एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल को इस साल 1 अप्रैल से लागू किया गया था। वहीं, राज्य के अंदर सामान की ढुलाई के लिए इसे धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है। कुछ राज्यों ने इसे 15 अप्रैल से लागू किया है। अदालत ने कहा कि अगर ई-वे बिल जेनरेट हुआ है, लेकिन उसकी हार्ड कॉपी अवेलेबल नहीं है तो सामान जब्त नहीं किया जा सकता।

इस आदेश का मतलब यह है कि ई-वे बिल की प्रिंटेड कॉपी नहीं होने पर टैक्स अधिकारी ट्रांसपोर्टर्स को परेशान नहीं कर पाएंगे। साथ ही, उन्हें ई-वे बिल के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को मान्यता देनी पड़ेगी। इंडस्ट्री ने आशंका जताई थी कि ई-वे बिल की बार-बार जांच किए जाने पर सामान की ढुलाई में देरी होगी, जिससे जीएसटी का मकसद अधूरा रह जाएगा।

हाई कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें सामान इस आधार पर जब्त किया गया था कि उसे बिना ई-वे बिल के ले जाया जा रहा था और टैक्स इनवॉइस को सीलबंद लिफाफे में रखा गया था।

हालांकि, इनवॉइस से पता चला कि उस सामान पर टैक्स वसूला गया था और उसकी जब्ती से काफी पहले ई-वे बिल डाउनलोड किया जा चुका था। भूमिका एंटरप्राइजेज ने उत्तर प्रदेश स्टेट अथॉरिटीज के सामान जब्त करने को अदालत में चुनौती दी थी।

इस फैसले पर पीडब्ल्यूसी में इनडायरेक्ट टैक्स लीडर प्रतीक जैन ने कहा, ‘ई-वे बिल लागू किए जाने के बाद यह इस तरह का शायद पहला फैसला है। इसका मतलब यह है कि जहां बिजनस एंटिटी को सामान की ढुलाई शुरू किए जाने से पहले ई-वे बिल जेनरेट करना होगा, वहीं सरकारी एजेंसियों को भी सामान जब्त करने से पहले सारे तथ्य देखने होंगे।’

जीएसटी काउंसिल ने टैक्स चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल सिस्टम को लागू किया है। 50 हजार से अधिक के सामान की ढुलाई एक राज्य से दूसरे राज्य में करने के लिए ई-वे बिल जरूरी है। बिना ई-वे बिल के सामान ले जाने पर अगर कोई ट्रक पकड़ा जाता है तो 10 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाई जा सकती है।

इसके साथ, ट्रक के सामान की जांच टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए की जाएगी। इस मामले में दोषी पाए जाने पर टैक्स के 100 पर्सेंट के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे मामलों में गाड़ी और सामान को जब्त करने का भी प्रावधान है।