वेस्‍टर्न और ईस्‍टर्न डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर नवंबर से शुरू होगा

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    नई दिल्‍ली। डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर का पहला फेज नवंबर से शुरू हो जाएगा। इस कॉरिडोर को माल गाडि़यों के लिए अलग से बनाया गया है। रेलवे के लिए यह गेम चेंजर साबित हो सकता है।

    दिल्‍ली से मुंबई और दिल्‍ली से हावड़ा के बीच बन रहे वेस्‍टर्न और ईस्‍टर्न कॉरिडोर शुरू होने के बाद पैसेंजर ही नहीं, बल्कि गुड्स के लिए ट्रेवल टाइम में काफी कामी आएगी। ये दोनों रूट काफी व्‍यस्‍त माने जाते हैं।

    वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर दिल्‍ली के निकट दादरी से शुरू होगा और लगभग 1500 किलोमीटर दूर मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पर खत्‍म होगा। इसी तरह लगभग 1800 किलोमीटर लंबा वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से शुरू होगा और पश्चिम बंगाल के दनकुनी पर खत्‍म होगा।

    क्‍या है पहला फेज
    डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि वेस्‍टर्न और ईस्‍टर्न दोनों का पहला फेज नवंबर से शुरू होगा। वेस्‍टर्न कोरिडोर पर 432 किेलोमीटर और ईस्‍टर्न कोरिडोर पर 343 किलोमीटर रूट पर ऑपरेशन शुरू हो जाएगा।

    2020 तक पूरा होगा प्रोजेक्‍ट
    अधिकारी ने बताया कि प्रोजेक्‍ट का दूसरा फेज 2019 में चालू कर दिया जाएगा, जबकि पूरा कंस्‍ट्रक्‍शन 2020 तक पूरा हो जाएगा।

    2006 में शुरू हुआ था
    रेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) का गठन किया गया था। इस एसपीवी द्वारा दोनों डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स बनाए जा रहे हैं।

    100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी माल गाड़ी
    यह ध्‍यान देने योग्‍य बात है कि दोनों डे‍डिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से रेलगाड़ी की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। वर्तमान में भारतीय रेल नेटवर्क पर मालगाडि़यों की अधिकतम रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा है।

    मार्च में किया ट्रायल
    वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर 27 मार्च 2018 को फुलेरा (जयपुर, राजस्‍थान) से अटेली (महेंद्रगढ़, हरियाणा) स्‍टेशन के बीच ट्रायल रन किया गया। इस 190 किमी की दूरी 3.52 घंटे में पूरी की गई। यह ट्रायल रन 100 किमी की अधिकतम रफ्तार से किया गया।

    चार और कॉरिडोर बनाने  योजना
    रेल मंत्रालय की चार और डे‍डिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) बनाने की योजना है। ये अतिरिक्‍त कॉरिडोर करीब 2,330 किलोमीटर का पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर (कोलकाता-मुम्‍बई), करीब 2,343 किलोमीटर का उत्‍तर-दक्षिण कॉरिडोर (दिल्‍ली-चेन्‍नर्इ), 1100 किलोमीटर का पूर्व तटीय कॉरिडोर (खड़गपुर-विजयवाड़ा) और लगभग 899 किलोमीटर का दक्षिणी कॉरिडोर (चेन्‍नई-गोवा) हैं।