लहसुन की बाजार हस्तक्षेप योजना में कल से शुरू होगी खरीद

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कोटा। बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत गुरुवार 26 अप्रैल से कोटा जिले एवं बारां जिले के छीपाबड़ौद केंद्रों पर लहसुन खरीद प्रारंभ की जाएगी। लहसुन खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। कोटा में कृषि उपज मंडी में खरीद केंद्र बनाया गया है। क्रय विक्रय समिति इसको खरीदेगी।

सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने मंगलवार को बताया कि अभी प्रारंभिक तौर पर दो केन्द्रों पर खरीद की शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार खरीद केंद्र और बढ़ाए जाएंगे। लहसुन खरीद 12 मई तक चलेगी। सहकारिता मंत्री ने बताया कि 3 हजार 257 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लहसुन की खरीद की जाएगी। 50 हजार मीट्रिक टन खरीद का प्रस्ताव है।

1 लाख 62 हजार 820 मीट्रिक टन उत्पादन : जिले में लहसुन का उत्पादन 1 लाख 62 हजार 820 मीट्रिक टन है, लेकिन ने अभी केवल 50 हजार मीट्रिक टन खरीदने का प्रस्ताव है। इससे दो गुना किसान अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।

ऑनलाइन खाते में जमा होगा भुगतान
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि लहसुन बेचने के लिए किसान गिरदावरी, भामाशाह कार्ड एवं आधार कार्ड के द्वारा ऑनलाइन पंजीयन करें एवं आवंटित निर्धारित तिथि को खरीद केंद्र पर आकर उपज का विक्रय करें।

उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल तक 1 हजार 870 किसान लहसुन बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं।   उन्होंने बताया कि लहसुन विक्रय के बाद किसान को उसके भामाशाह कार्ड में अंकित बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित कर दी जाएगी।

याचिका पेश: संपूर्ण उपज खरीद के जाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका पेश की है। इस पर कोर्ट ने जिला कलेक्टर भामाशाह कृषि उपज मंडी सचिव और भारतीय खाद्य निगम प्रबंधक सहित 6 पक्षकारों को नोटिस जारी कर उन्हें 4 मई को जवाब देने के लिए बुलाया है।

वकील नरेंद्र नागर ने पिछले दिनों स्थाई लोक अदालत में जनहित याचिका पेश की है। जिसमें जिला कलेक्टर, भामाशाह कृषि उपज मंडी सचिव, भारतीय खाद्य निगम प्रबंधक, राज्य सरकार के कृषि मंत्री, कृषि सचिव और केंद्रीय कृषि मंत्री को पार्टी बनाया है।