कच्चे तेल में आया उबाल: 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर

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नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें अगर आपको परेशान कर रही हैं तो फिलहाल किसी बड़ी राहत की उम्मीद न लगाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें बीते तीन साल में सबसे ऊपरी स्तर पर है।

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कच्चे तेल की कीमतों में यह तेजी आने वाले सत्रों में भी जारी रहेगी और ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छू सकता है। गौरतलब है कि मंगलवार को ब्रेंट क्रूड 3 फीसद के उछाल के साथ 71.34 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया, जो 2014 के बाद अब तक का सबसे ऊपरी स्तर है।

विशेषज्ञ का नजरिया: ब्रोकिंग फर्म कार्वी कमोडिटी के हेड रिसर्च डॉ रवि सिंह के मुताबिक मौजूदा अंतराष्ट्रीय परिदृश्य में कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट देने वाले कई फैक्टर एक साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहने की पूरी संभावना है। इस तेजी में ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल तक के स्तर छू सकता है।

कच्चे तेल की कीमत 18 महीने के उच्चतम स्तर पर
इस तेजी के कारण बताते हुए रवि सिंह ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा ट्रेड वार और रूस और ओपेक देशों की ओर से कच्चे तेल की सप्लाई को जानबूझकर बाधित करना समेत कई फैक्टर्स कीमतों को सपोर्ट दे रहे हैं।

उनके मुताबिक बुधवार को अमेरिका में जारी होने वाले इंवेंट्री के आंकड़ों से पहले कच्चे तेल की कीमतों में यह तेजी बनती है। इंवेट्री का लगातार घटना भी कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट दे रहा है।

केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया का भी मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का बड़ा कारण जियो पॉलिटिकल टेंशन ही है। इसके कम होने या बढ़ने से ही कच्चे तेल की कीमतों में आगे की दिशा तय होगी। फिलहाल 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर अहम है इसके टूटने पर कीमतें 80 डॉलर के स्तर तक जा सकती हैं।