चंदा कोचर के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी, देश छोड़ने पर रोक

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नई दिल्ली।  वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रु. का लोन देने के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमुख वेणुगोपाल धूत के खिलाफ देशभर के एयरपोर्ट्स पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। यानी अब यह तीनों बिना बताए देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।

हालांकि, सीबीआई या सिविल एविएशनल मिनिस्ट्री ने अभी लुकआउट सर्कुलर जारी करने की पुष्टि नहीं की है। बता दें कि चंदा के देवर राजीव के खिलाफ सीबीअाई पहले ही लुकआउट नोटिस जारी कर चुका है। 

पत्नी के 30 साल के करियर को तबाह कर रहे हैं अाराेप- दीपक कोचर
वीडियोकॉन ग्रुप के लोन केस में सीबीआई ने शुक्रवार को चंदा कोचर के देवर राजीव कोचर से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की। वहीं, चंदा के पति दीपक कोचर ने कहा कि यह आरोप उनकी पत्नी के 30 साल के करियर को तबाह कर रहे हैं।
क्यों जारी किया गया लुकआउट सर्कुलर?
सीबीआई ने पिछले दिनों इस मामले में पीई (Preliminary Enquiry) शुरू की थी। घोटाले करके विदेश भागने के कई मामले सामने आने के चलते सीबीआई ने ऐहतियात के तौर पर यह सर्कुलर जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या और ललित मोदी जैसे मामलों से सबक लेकर सर्कुलर जारी किया गया है।
गुरुवार को राजीव कोचर मुंबई एयरपोर्ट से लिए गए हिरासत में
– बता दें कि इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को राजीव कोचर को मुंबई एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था। सीबीआई ने राजीव कोचर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद वे विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे।
– सीबीआई अधिकारियों का कहना था कि इस केस से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। साथ ही पूछताछ के लिए चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर समेत बाकी लोगों को जल्द ही समन जारी करने की बात भी कही थी।

क्या है मामला?
– आरोप है कि वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत ने 2008 से 2011 के बीच चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को अपनी एक कंपनी महज कुछ लाख रुपए में बेच दी। इसके बाद अपनी एक कंपनी से करीब 3 करोड़ रुपए का लोन दिया।

बाद में 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया और 2017 में इसमें से करीब 2800 करोड़ रुपए एनपीए घोषित कर दिया। सीबीआई ने इस मामले में बैंक के कुछ अधिकारियों से पहले ही पूछताछ की है।

क्या होता है एनपीए?
एनपीए वह राशि होती है, जिसे बैंक मान लेता है कि कर्जदार से वापस नहीं मिल सकेगी। हालांकि, बैंक के बोर्ड ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और चंदा कोचर को क्लीन चिट दी है।