काले हिरण मामले में सलमान दोषी करार, अन्य 5 आरोपी बरी

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जोधपुर। काले हिरण के शिकार के मामले में जोधपुर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार दिया है, वहीं मामले में अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। बताया जा रहा है कि फैसले से पहले कोर्ट में सलमान खान ने खुद को बेगुनाह बताया।

इस केस में सलमान के अलावा सैफ अली खान, तब्बु, नीलम, सोनाली बेंद्रे और एक स्थानीय व्यक्ति आरोपी हैं। सलमान के अलावा सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले से पहले कोर्ट पहुंचने वालों में सलमान खान सबसे आगे थे। इस दौरान उनकी बहन अलवीरा और अर्पिता भी उनके साथ मौजूद थी। वहीं इसके बाद सैफ अली खान, नीलम और तब्बू कोर्ट पहुंचे। वहीं सोनाली बेंद्रे अपने पति गोल्डी बहल के साथ पहुंची।

1998 के इस मामले में कोर्ट ने 28 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी। सलमान खान पर कुल 4 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें दो चिंकारा और दो काले हिरण के शिकार और एक आर्म्स ऐक्ट का मामला था। चिंकारा केस में सलमान खान बरी हो गए थे, वहीं आर्म्स ऐक्ट में भी उन्हें पिछले साल हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।

बाद में इन केसों के गायब गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद सलमान की मुश्किलें बढ़ गईं। राजस्थान सरकार ने गवाह को आधार बना सलमान पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसके बाद मामला फिर शुरू हो गया। सरकारी वकील के मुताबिक इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर न्यूनतम एक साल और अधिकतम 6 साल तक की सजा हो सकती है।

यह है इस हाइप्रोफाइल केस की पूरी कहानी...सितंबर 1998: यह घटना ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान की है। आरोप है कि सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे के साथ सलमान खान ने राजस्थान में जोधपुर के पास कणकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया।

सरकारी वकील के मुताबिक उस रात सारे कलाकार जिप्सी में सवार थे, जिसे सलमान खान चला रहे थे। हिरणों का झुंड देखने पर उन्होंने गोली चलायी और उनमें से दो हिरण मार दिये थे। उन्होंने कहा कि जब लोगों ने उन्हें देखा और उनका पीछा किया तो ये कलाकर मृत हिरणों को मौके पर छोड़कर भाग खड़े हुए।

2 अक्टूबर 1998: बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान खान और हम साथ साथ हैं के उनके को-ऐक्टर्स के खिलाफ हिरणों के शिकार का केस दर्ज कराया।

12 अक्टूबर 1998: सलमान खान को विलुप्तप्राय जानवरों के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।

10 अप्रैल 2006: ट्रायल कोर्ट ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत चिंकारा शिकार के केस में सलमान को दोषी ठहराया। उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

31 अगस्त 2007: राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। एक हफ्ते बाद सलमान की अपील पर यह सजा सस्पेंड कर दी गई। सलमान खान ने एक सप्ताह का यह वक्त जोधपुर जेल में बिताया। बाद में हाई कोर्ट ने आर्म्स ऐक्ट के केस में भी सलमान को बरी कर दिया।

24 जुलाई 2012: राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच ने काले हिरण के शिकार मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। इसके बाद मामले में ट्रायल की राह खुली।

9 जुलाई 2014: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खान को नोटि जारी किया। राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सलमान की सजा को सस्पेंड किया गया था।

25 जुलाई 2016: राजस्थान हाई कोर्ट ने घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि इसके सबूत नहीं हैं कि सलमान की लाइसेंसी बंदूक से ही शिकार किया गया।

19 अक्टूबर 2016: राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। दरअसल 18 अक्टूबर 2016 को इस मामले में 10 साल से लापता गवाह हरीश दुलानी सामने आ गया। दुलानी ने दावा किया वह अपने पुराने बयान पर कायम है कि उसने सलमान को शिकार करते देखा है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दुलानी के इसी बयान को आधार बनाया।

11 नवंबर 2016: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक करने के राजी हो गया।

15 फरवरी 2017: सलमान खान के वकील ने सबूत पेश करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 27 जनवरी को बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान सलमान खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए सबूत पेश करने की इच्छा जताई थी। बाद में उनके वकील ने कहा कि सबूत पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बेकसूर बताए जाने वाले सारे सबूत कोर्ट में पहले ही पेश किए जा चुके हैं। तब एक मार्च से इस मामले का ट्रायल शुरू होना था।

28 मार्च 2018: इस मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।