ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं, आज से RBI की रिव्यू मीटिंग

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नई दिल्ली। इंडस्ट्री के दबाव के बाद भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रिव्यू मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम है। इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दामों में तेजी से घरेलू मार्केट में महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है। इस बात के संकेत आरबीआई भी द्वारा भी दिया जा चुका है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई इस बार पॉलिसी रेट में बिना बदलाव किए पुराने स्तर पर बरकरार रख सकता है।

4-5 अप्रैल को ब्याज दरों पर आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग है। फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के लिए यह आरबीआई का पहला रिव्यू मीटिंग है। इसे इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बजट के बाद भी ह आरबीआई की पहली पॉलिसी मीटिंग है। बता दें कि आरबीआई हर 2 महीने पर पॉलिसी रेट की समीक्षा करता है।

RBI पर है दबाव
रिटेल इनफ्लेशन में कमी आने से और ग्रोथ को बढ़ावा देने की जरूरत की वजह से आरबीआई पर पॉलिसी रेट में कटौती करने का दबाव है। इंडस्ट्री द्वारा भी ब्याज दरों में राहत की मांग की गई है। हालांकि एक्सपर्ट्स ये मान रहे हैं कि महंगाई में कमी टेम्परेरी है, आगे महंगाई बढ़ने का डर बना हुआ है।

आरबीआई ने भी कहा था कि नए फाइनेंशियल की पहली छमाही में महंगाई दर ऊंची बनी रह सकती है। इंडस्ट्री बॉडी फिक्की का कहना है कि इकोनॉमी में रिवाइवल के मजबूत संकेत दिख रहे हैं। ऐसे में मॉनेटरी पॉलिसी में राहत की जरूरत हे। फिक्की का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग में टर्न अराउंड की जरूरत है। वहीं, बेहतर इकोनॉमी के लिए निवेश बढ़ाने की भी जरूरत है।

FY19 में महंगाई बढ़ने का डर
कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्‍योरेंस फंड मैनेजर कुणाल शाह का कहना है कि एमपीसी कमिटी पहले ही महंगाई बढ़ने का डर जता चुकी है। एमएसपी बढ़ाने के एलान और क्रूड की कीमतों के बढ़ने से कमिटी को डर है कि फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में महंगाई दर 5 फीसदी रह सकती है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम है। उनका कहना है कि अगर मानसून सामान्य रहता है तो आगे रेट की गुंजाइश दिखेगी।

क्या कहना है ग्लोबल एजेंसियों का
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हमारा अनुमान है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी। वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बीएफएमएल) का भी मानना है कि इस बात की संभावना कम है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव हो। मेरिल लिंच का कहना है कि इस साल अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो अगस्त के रिव्यू में आरबीआई रेट घटाने का फैसला कर सकता है।

क्या कहना है इंडिया इंक का
औद्योगिक संगठनों का भी मानना है कि आरबीआई इस बार रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। एसोचैम का कहना है कि रिजर्व बैंक के पास रेट घटाने की काफी कम गुंजाइश है। अभी रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर है।