प्रेक्टिकल एजुकेशन पर फोकस होगी इंजीनियरिंग, 3 साल इंडस्ट्री ट्रेनिंग

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जयपुर। प्रदेश के समस्त इंजीनियरिंग कॉलेजों में मई से दाखिले की दौड़ शुरू हो जाएगी। नए विद्यार्थियों पर नया सिलेबस लागू रहेगा। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इसके तहत प्रत्येक छात्र-छात्राओं को 4 से 8 हफ्ते की इंडस्ट्री ट्रेनिंग का प्रावधान जोड़ा गया है। ये नियम बीटेक के फ़र्स्ट ईयर से थर्ड ईयर तक सभी बीटेक की ब्रांचों पर लागू रहेगा।

हालांकि फिलहाल थर्ड ईयर के बाद इंडस्ट्री ट्रेनिंग का प्रावधान कुछ विषयों में शामिल है। अब इसे बड़े स्तर पर लागू किया जा रहा है। इस बदलाव से प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ रहे एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों पर असर पड़ेगा। एआईसीटीई की अप्रूवल के आधार पर इसे लागू किया जा रहा है।

ये बदलाव आरटीयू लागू करेगा और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के क्षेत्र में आने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज भी भविष्य में इसे फॉलो करेंगे। प्रदेश में सवा सौ इंजीनियरिंग कॉलेज है। उधर इस मामले में आरटीयू के वीसी प्रो. एनपी कौशिक का कहना है कि एआईसीटीई के दिशा-निर्देश पर तैयार हुए सिलेबस में आरटीयू कार्य समिति की बैठक में मंजूरी दिलाकर लागू कराया जाएगा।

पहले और अब में क्या फर्क ?
वर्तमान में इंडस्ट्री ट्रेनिंग का प्रावधान थर्ड ईयर के बाद एक से दो महीने तक का है। अब ये ही नियम तीन साल यानी की सभी ब्रांचों पर छह सेमेस्टर तक लागू रहेगा । कम से कम तीन महीने और अधिकतम छह महीने तक इंडस्ट्री ट्रेनिंग बीटेक में करनी होगी।

प्रेक्टिकल नॉलेज ही नए इंजीनियरों की ताकत बनेगी
एआईसीटीई के दिशा-निर्देश के बाद सिलेबस में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसमें प्रेक्टिकल नॉलेज को बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को इंडस्ट्री ट्रेनिंग चार से आठ हफ्ते की अनिवार्यता का प्रावधान शामिल है। इसके लिए विद्यार्थियों को अंक भी मिलेंगे और जब विद्यार्थी इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करके निकलेगा तो इंडस्ट्री का वर्क कल्चर उसके लिए नया नहीं रहेगा। वो और बेहतर काम कर सकेगा। प्रेक्टिकल नॉलेज के साथ विद्यार्थी प्रेक्टिकल लाइफ पा सकेंगे। -प्रो. एचडी चारण, डीन एकेडमिक आरटीयू