फिंगर प्रिंट दादा व माता से मैच होने से नहीं बना छात्र का आधार

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कोटा। आईआईटी एंट्रेंस की कोचिंग कर रहे छात्र मोहित यादव का पूरा कॅरियर महज आधार न बनने की वजह से दांव पर लगा है। दरअसल छात्र के फिंगर प्रिंट दादा व माता से मैच होने से आधार नहीं बन पाया है। मोहित 5 साल से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनका आवेदन हर बार रिजेक्ट हो जाता है। गुरुवार को मोहित कलेक्टर रोहित गुप्ता से मिलने पहुंच गए और उन्हें अपनी परेशानी बताई।

8 अप्रैल को मोहित का जेईई मेन्स का पेपर है। उन्होंने कहा कि यदि एग्जाम नहीं दे पाया तो आत्महत्या कर लूंगा। कलेक्टर ने मोहित को डीओआईटी अधिकारी के पास सूचना केंद्र भेज दिया। उपनिदेशक हरिओम गुर्जर ने बताया कि आधार कार्ड बनाने का प्रोसेस करवा दिया गया है। इससे कार्ड बनने की संभावना है।

हालांकि मोहित ने बताया कि इस प्रकार का प्रोसेस पहले भी हो चुका है, लेकिन बाद में रिजेक्ट कर दिया जाता है। मेरे सामने अब आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।  अलवर जिले के नागोड़ी गांव के मोहित कोटा में आईआईटी एंट्रेंस की कोचिंग कर रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में मैंने अपने गांव में आधार के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कार्ड नहीं आया। इसके बाद मैंने पांच बार और अप्लाई किया, लेकिन हर बार निरस्त कर दिया गया। इस बारे में मैंने सभी जगह पत्र लिखे, मेल किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मैं आधार कार्ड के लिए दिल्ली ऑफिस में भी गया।

फिंगर प्रिंट दादा व माता से मैच :  वहां बताया गया कि मेरे फिंगर प्रिंट दादा भूपसिंह व माता मायादेवी से मैच हो रहे हैं। इसलिए आधार नहीं बन रहा। इसका उपाय पूछा तो अधिकारियों ने दुबारा से बनवाने की बात कही। मैं पांच बार इसके लिए प्रयास कर चुका, लेकिन आवेदन हर बार निरस्त कर दिया जाता है। आधार नहीं होने से मैं एयरफोर्स सहित अन्य परीक्षा के लिए आवेदन तक नहीं कर पाया।