मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

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नई दिल्ली। लोकसभा उपचुनावों में मिली सफलता के बाद विपक्ष अब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर रहा है। वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। हालांकि, अभी तक लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने अपना रुख साफ नहीं किया है। पार्टी का कहना है कि वह शुक्रवार सुबह निर्णय लेगी।

वाईएसआर कांग्रेस के छह सांसदों की तरफ से वाईवी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया है। पर अभी तक यह साफ नहीं है कि वाईएसआर इस प्रस्ताव के समर्थन में पचास सांसदों का समर्थन जुटा पाती है या नहीं।

इस बीच, आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज नहीं मिलने से नाराज चल रही टीडीपी ने भी इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को पोलित ब्यूरो की बैठक बुलाई है। वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश से जुड़े मुद्दे पर अविस्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है, ऐसे में टीडीपी पर इस प्रस्ताव का समर्थन करने का काफी दबाव है।

लेकिन प्रस्ताव का समर्थन करने से पहले टीडीपी को एनडीए से अलग होने का ऐलान करना पड़ेगा। क्योंकि, अभी तक टीडीपी ने सिर्फ केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपने मंत्री हटाए हैं, पर उसने एनडीए से अलग होने का औपचारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया है।

इस बीच, कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति का बहिष्कार किया। पार्टी का कहना है कि सरकार अलोकतांत्रिक रवैया अपना रही है और सदन पर अपनी मर्जी थोप रही है।

पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि लोकसभा में वित्त विधेयक और विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से संबंधित अनुदानों को बिना चर्चा के पारित कराया गया है। सरकार लोकतांत्रिक ढंग से आपसी सहमति से समाधान नहीं निकालना चाहती।