अब कोटा स्टेशन भी होगा स्मार्ट, ट्रेनों में लगेंगे बायो टॉयलेट

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कोटा। स्मार्ट शहर, कायाकल्प और शहरी रूपान्तरण के लिए अटल मिशन में शामिल शहरों के रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की समेकित योजना के लिए रेल मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के बीच हाल ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। स्मार्ट शहरों की योजना के तहत दस रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई, जिनका पुनर्विकास किया जाएगा। इनमें कोटा जंक्शन भी शामिल है।

कोटा के अलावा तिरुपति, दिल्ली सराय रोहिल्ला, नेल्लौर, मडगांव, लखनऊ, गोमतीनगर, नया ठाणे, एर्नाकुलम जंक्शन और पुड्डुचेरी स्टेशन शामिल हैं। स्मार्ट शहरों और अमृत योजना के तहत स्टेशनों के पुनर्विकास की योजनाएं स्टेशनों के आस-पास खाली जमीन के व्यावसायिक विकास के जरिए बनाई जाएगी। कोटा जंक्शन सफाई के मामले में देश के श्रेष्ठ स्टेशनों में पहले से ही शामिल है। इस योजना के तहत पीपीपी मोड पर विकास कराए जा सकेंगे।

इस साल के अंत तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट : पश्चिम मध्य रेलवे की ट्रेनों के सभी यात्री कोचों में इस साल के अंत तक बायो टॉयलेट लगाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कोटा, भोपाल और जबलपुर मंडल में उपलब्ध कुल कोचों में से 80 प्रतिशत कोचों में टॉयलेट लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

कोटा मंडल की कोटा-उधमपुर एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाए जा चुके हैं। जोन को हाल ही में 52 नए एलएचबी कोच मिले हैं, जिसमें बायो टैंक लगे हुए हैं। पश्चिम मध्य रेल द्वारा संचालित 53 ट्रेनों में से 22 ट्रेनों के यात्री डिब्बों में बायो टैंक लगाए जा चुके हैं। बायो टैंक लगाए जाने से यात्री डिब्बों के बाहर ह्यूमन वेस्ट नहीं गिरता है।