NPA मामलें में ऐक्सिस बैंक ने बोला झूठ, 3 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका

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मुंबई। नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) कैलकुलेशन में गड़बड़ी का दोषी पाए जाने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऐक्सिस बैंक पर 3 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है। सेंट्रल बैंक ने सोमवार को बताया, ’31 मार्च 2016 को बैंक की फाइनैंशल पोजिशन की जांच की गई थी।

इसमें एनपीए असेसमेंट संबंधी कई नियमों के उल्लंघन का पता चला था।’ आरबीआई ने कहा, ‘बैंक के जवाब और सुनवाई के दौरान मौखिक जवाब पर गौर करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि बैंक की तरफ से इन रूल्स के पालन में गलती की बात साबित हुई है और इसलिए उस पर जुर्माना लगाने की जरूरत है।’

पहले दिए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन की वजह से ऐक्सिस बैंक पर बैड लोन का दबाव बढ़ा है। वित्त वर्ष 2017 में बैंक ने आरबीआई के अनुमान से 5,633 करोड़ और वित्त वर्ष 2016 में 9,480 करोड़ के कम एनपीए की जानकारी दी थी। रिजर्व बैंक ने कहा कि रेग्युलेटरी कंप्लायंस में कमी के चलते बैंक पर जुर्माना लगाया गया है।

इसका बैंक के किसी कस्टमर के साथ अग्रीमेंट या ट्रांजैक्शन से कोई लेना-देना नहीं है। आरबीआई ने एक अलग मामले में पब्लिक सेक्टर के इंडियन ओवरसीज बैंक पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। नो योर कस्टमर (KYC) नॉर्म्स की अनदेखी की वजह से बैंक पर यह पेनल्टी लगाई गई है। इंडियन ओवरसीज बैंक की एक ब्रांच में एक फ्रॉड का पता चलने के बाद इस गलती का पता चला था।

1 लाख करोड़ रुपये डालेगा RBI
आरबीआई वित्त वर्ष खत्म होने से पहले 1 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में कुछ समय के लिए डालेगा। आमतौर पर वित्त वर्ष के अंत में बैंकिंग सिस्टम में कैश की कमी हो जाती है। इससे शॉर्ट टर्म की ब्याज दरों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। इसका मतलब यह है कि कंपनियों के लिए कर्ज महंगा नहीं होगा।

आरबीआई ने एक बयान में बताया, ‘हम बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त कैश डालने जा रहे हैं। इससे मार्च महीने के अंत में बैंकों को कैश मैनेजमेंट में आसानी होगी और वे अतिरिक्त नकदी की मांग पूरी कर सकेंगे।’ इससे नॉर्मल लिक्विडिटी अजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) ऑपरेशंस के साथ दूसरे जरियों से बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ेगी।

चार वेरिएबल रीपो ऑपरेशंस
मंगलवार से 25,000 करोड़ के चार वेरिएबल रीपो ऑपरेशंस भी कंडक्ट होंगे। रिजर्व बैंक ने बताया कि मौजूदा और नकदी की संभावित मांग को देखते हुए उसने वेरिएबल रेट रीपो ऑपरेशंस को लंबे समय तक चलाने का फैसला किया है। इससे इस महीने बैंकों को अतिरिक्त कैश मिल पाएगा। इससे ट्रेजरी बिल्स और कॉल मनी जैसे शॉर्ट टर्म रेट्स में कमी आनी चाहिए।