PNB फ्रॉड: 60 से अधिक इकाइयों की एसेट्स बेचने पर रोक

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नई दिल्ली। पीएनबी फ्रॉड मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल(एनसीएलटी) ने 60 से अधिक इकाइयों को अपने एसेट्स बेचने से रोक दिया है। जिन्हें एसेट्स बेचने से रोका गया है उनमें नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, कई इनडिविजुअल्स, कंपनियां और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म्स शामिल हैं।

कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने जारी की सूचना
इस बारे में कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री द्वारा सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। सूचना के अनुसार एनसीएलटी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी, उनकी फर्म्स और रिश्तेदारों सहित अन्य इकाइयों के खिलाफ निर्देश जारी किए हैं।

मिनिस्ट्री ने इस बारे में कंपनी एक्ट 2013 के अलग-अलग सेक्शन के तहत पेटीशन दाखिल की थी। एनसीएलटी ने उसपर दूसरे पक्षों को सुने बिना ही यह आदेश जारी किया है।

12600 करोड़ के फ्रॉड का मामला
पीएनबी में लगभग 12,600 करोड़ रुपए के फ्रॉड के मामले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी मुख्य आरोपी हैं। जिन कंपनियों और इकाइयों पर रोक लगाई गई है उनमें पंजाब नेशनल बैंक स्कैम से जुड़ी कुछ इकाइयां, गीतांजलि जेम्स, गिल्ली इंडिया, नक्षत्र ब्रांड और फायरस्टार डायमंड शामिल है।

ज्‍वैलरी घूस में दी थी
पीएनबी फ्रॉड केस में सीबीआई ने खुलासा कि‍या है कि‍ नीरव मोदी ने पंजाब नैशनल बैंक के अधिकारियों को अपने साथ घोटाले में शामिल करने के लिए सोने और हीरे की ज्‍वैलरी घूस में दी थी। सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को यह जानकारी मुंबई कोर्ट को देते हुए बताया कि‍ पीएनबी अधिकारि‍यों को घूस पिछले साल अक्टूबर में ही दी गई है।

नीरव के कहने पर जारी कि‍या गलत एलओयू
सीबीआई का दावा है कि यशवंत ने नीरव मोदी के कहने पर गलत एलओयू जारी किए। जांच एजेंसी ने बताया कि घोटाले में गिरफ्तार किए गए एक और आरोपी पीएनबी के स्केल 1 ऑफिसर प्रफुल सावंत ने जानबूझ के SWIFT मैसेज को नजरअंदाज किया था।

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी ने मुख्य रूप से 2 निम्न स्तर के कर्मचारियों पर LoU जारी कर नीरव को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। हालांकि सीबीआई ने इससे आगे बढ़ते हुए 2 आंतरिक ऑडिटर्स को भी गिरफ्तार किया है।