बैंक फ्रॉड: घोटाले की रकम बढ़कर 12,672 करोड़ हुई

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मुंबई । बैंकिंग इंडस्ट्री के सबसे बड़े फ्रॉड केस में सीबीआई ने मंगलवार को पीएनबी और आईसीआईसीआई के 4 बड़े अफसरों से पूछताछ की। इनमें पीएनबी की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और आईसीआईसीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी शामिल हैं।

वहीं, सीबीआई के मुताबिक, पीएनबी ने 1,251 करोड़ रु. के नए फ्रॉड की जानकारी दी है, जिससे हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के मेहुल चौकसी से जुड़े घोटाले की रकम बढ़कर 12,672 करोड़ हो गई है। उधर, मुंबई के कोर्ट ने नीरव को 12 मार्च को पेश होने के लिए समन भेजा है।

ऐसा नहीं करने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी होगा। बता दें कि पीएनबी की शिकायत पर सीबाआई ने नीरव, चौकसी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के दो केस दर्ज किए हैं। दोनों आरोपी देश छोड़कर भाग चुके हैं।

बैंक के आला अफसरों से पूछताछ
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बैंक फ्रॉड के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर ऊषा अनंत और दो मौजूदा जनरल मैनेजर्स को मुंबई ऑफिस बुलाया।
– इसके अलावा गीतांजलि ग्रुप को लोन देने के मामले में आईसीआईसीआई बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनएस. कन्नन से भी पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि डायरेक्टर बैंकों के संघ के लीडर हैं और इन्हीं की देखरेख में गीतांजलि को करोड़ों रुपए का लोन दिया गया।

आईसीआईसीआई ने क्या कहा?
– आईसीआईसीआई ने अपने अफसर से पूछताछ को लेकर सफाई में कहा कि बैंक ने नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप की किसी कंपनी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) जारी नहीं किए हैं।
– बैंक गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों के लोन को लेकर बैंकों के संघ के साथ मिलकर काम कर रही है। आईसीआईसीआई के द्वारा गीतांजलि को दिए लोन की रकम काफी कम है। साथ ही जांच एजेंसियों को कार्रवाई में पूरी तरह से मदद की रही है।

एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से दो दिन पूछताछ हुई
– पिछले दिनों (24-25 फरवरी) सीबीआई पीएनबी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केवी ब्रह्मजी राव से दो दिन तक पूछताछ कर चुकी है। ब्रह्मजी बैंक में मुंबई जोन के रिस्क मैनेजमेंट डिविजन के प्रभारी हैं, उन्हीं के अंडर आने वाली एक ब्रांच में घोटाला हुआ।
– हालांकि, जांच एजेंसी के सूत्रों ने साफ किया था कि ब्रह्मजी इस केस में आरोपी नहीं हैं। उनसे पूछताछ कर समझने की कोशिश की जा रही है कि बैंक ने कैसे घोटाले का पता लगाया। इसके बाद गड़बड़ी रोकने के लिए क्या कदम उठाए?

पीएनबी में एक और फ्रॉड सामने आया
– सीबीआई ने बताया कि पीएनबी में 1,251 करोड़ का नया फ्रॉड सामने आया है, जो मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स से जुड़ा है। बैंक ने मंगलवार को इसकी जानकारी सीबीआई को दी। इस तरह पीएनबी में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़ा फ्रॉड अब 11,421 से बढ़कर 12,672 करोड़ हो गया है।
– पीएनबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को लिखित में बताया है कि अवैध ट्रांजैक्शंस की रकम 204.25 मिलियन डॉलर और बढ़ सकती है। इससे पहले बैंक ने 1.77 बिलियन डॉलर के अवैध ट्रांजैक्शन की बात बताई थी।

फ्रॉड की रकम 20 हजार करोड़ तक होने का अनुमान
प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को 16 सरकारी बैंकों से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए सभी लोन की पूरी डिटेल मांगी। साथ ही बैंकों से पूछा था कि नीरव और गीतांजलि जेम्स ने लोन के लिए बैंक को कितनी जमानत ऑफर की है।
– जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि अगर नीरव और चौकसी के द्वारा लिए 16 बैंकों के सभी लोन में गड़बड़ी सामने आई तो फ्रॉड की रकम 20 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। नीरव और चौकसी की कंपनियों को बैंकों ने 12 फीसदी जमानत पर कई बड़े लोन ऑफर किए। पीएनबी की तरह इनकी रिकवरी भी खतरे में है।

अब तक क्या कार्रवाई हुई?
– पीएनबी घोटाले में ईडी ने देशभर में गीतांजलि ज्वेलर्स के शोरूम में छापेमारी की थी। इस दौरान 22 करोड़ रुपए की ज्वेलरी जब्त हुई और कई हजार करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की गई। वहीं, नीरव मोदी से जुड़ी 6,393 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की जा चुकी है।
– नीरव और चौकसी के ठिकानों से जब्त हुई ज्वेलरी और प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन कराया जा रहा है।

क्या है पीएनबी घोटाला?
– पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,421 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम 297 फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।
– इसके मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप्स के मालिक मेहुल चौकसी हैं। इन दोनों ने बैंक के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।