बैंकों के 70 हजार केसों में 4 लाख करोड़ फंसे

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नई दिल्ली। विजय माल्या, जतिन मेहता, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे नामों से तो लोग अच्छी तरह वाकिफ हो चुके हैं, लेकिन देश में ऐसे हजारों जूनियर माल्या और नीरव खुलेआम घूम रहे हैं। दिल्ली स्थित डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) में लोन डिफॉल्ट के लगभग 2,400 मामले चल रहे हैं। इनमें विभिन्न बैंकों के 65,000 करोड़ रुपए फंसे हैं।

103 मामले 100 करोड़ रुपए से ज्यादा डिफॉल्ट के हैं। औसतन एक डिफॉल्टर पर 27 करोड़ की देनदारी है। इनके वकील डीआरटी में पेश होते हैं। अधिकतर मामलों में तारीख लग जाती है। देश में ऐसे 38 डीआरटी और इनके ऊपर 5 अपीलेट ट्रिब्यूनल हैं। इनमें 70,000 से ज्यादा केसों पर सुनवाई चल रही है।  इनमें बैंकों के 3.5 से 4 लाख करोड़ रुपए फंसे हैं। डीआरटी में 10 लाख रु. से ज्यादा के मामले आते हैं।

डिफॉल्टर को नोटिस सर्व कर रिपोर्ट तैयार करने में ही 6 माह लग जाते हैं। इसके बाद सुनवाई शुरू होती है। हर रिकवरी अफसर को एक दिन में 50 से अधिक मामले निपटाने होते हैं। किसी मामले की अगली तारीख आने में कम से कम दो माह लगते हैं। यानी एक मामले की सुनवाई साल में अधिकतम 6 बार हो सकती है।

डिफॉल्टर के वकील हमेशा तारीख आगे ले जाने की कोशिश में रहते हैं। वकील सुबोध पाठक ने बताया कि डीआरटी में डिफॉल्टर के खिलाफ फैसला होने पर वह अपीलेट ट्रिब्यूनल में जाता है। वहां हारने पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। इस तरह केस 5-7 साल में सेटल होता है।

तारीख बढ़ने से डिफॉल्टर को होता है लाखों रुपए का फायदा
मान लीजिए बैंक को आपसे 10 करोड़ रुपए लेने हैं। आपका वकील सुनवाई 3 माह के लिए टलवाने में सफल हो जाता है। अगर 8% ब्याज भी जोड़ें तो 3 माह की मोहलत मिलने से डिफॉल्टर को 20 लाख का फायदा होता है।

द्वारका दास ज्वैलर्स के डायरेक्टरों के नाम लुकआउट नोटिस जारी
ओरिएंटल बैंक के साथ 390 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने द्वारका दास इंटरनेशनल ज्वैलरी कंपनी के सभी आरोपियों के नाम लुकआउट नोटिस जारी किया है। डायरेक्टर सभ्य सेठ, रीता सेठ, कृष्ण कुमार सिंह और रवि सिंह के नाम केस दर्ज है।

डीआरटी में फैसले में लगते हैं 2 साल, नियम 188 दिनों का
नियम के मुताबिक डिफॉल्ट केस पर फैसला 188 दिनों में होना चाहिए। लेकिन डीआरटी में कम से कम दो साल लगते हैं। एक मामला तो 19 साल से चल रहा है और उस डिफॉल्टर पर देनदारी 1,100 करोड़ की हो गई है।

ईडी ने पूछताछ के लिए पीएनबी के एमडी सुनील मेहता को बुलाया
ईडी ने 11,394 करोड़ रु. के घोटाले में पूछताछ को पीएनबी के एमडी सुनील मेहता को बुलाया है। बैंक के ईडी के.वी. ब्रह्माजी से सोमवार को भी पूछताछ हुई। सीबीआई ने 5 बैंकों से पीएनबी के नॉस्ट्रो अकाउंट में हुए लेनदेन की जानकारी मांगी है।