GST बेस्ड डाटा पर मिलेगा अब लोन, खत्म होगा गिरवी का दौरः नीलेकणी

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नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं जब भारतीयों को गिरवी के बजाय जीएसटी बेस्ड डाटा के आधार पर लोन मिलेगा। टेक अरबपति नंदन नीलेकणी ने कहा कि भारत एक ऐसे दौर की तरफ बढ़ रहा है जहां लेंडर्स गिरवी के बजाय जीएसटी आधारित ‘बिजनेस फ्लो’ या क्रेडिट पेमेंट हिस्ट्री जैसे डाटा के इस्तेमाल से कारोबारियों को लोन उपलब्ध कराएंगे।

उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) सिस्टम में पहली बार उपलब्ध डाटा, लोन दिए जाने का आधार हो सकता है। नीलेकणी आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के फाउंडेशन डे के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब आप जीएसटी में अपना रिटर्न फाइल करते हैं तो आप ऐसा इनवॉयस लेवल पर फाइल करते हैं।

तब आप जीएसटी से अपना डाटा मांग सकते हैं, जिसे आप अपने लेंडर को दे सकते हैं। इससे सभी 1 करोड़ बिजनेसेस को डिजिटल पहुंच पहुंच मिलेगी, जिसे वे अपने बैंक या एनबीएफसी से लोन लेने में इस्तेमाल कर सकते हैं।’

जीएसटी के सरलीकरण पर हो रहा है काम
जीएसटी रिटर्न के सरलीकरण के लिए बनी कमेटी के सदस्य नीलेकणी ने कहा कि सरकार जीएसटी प्रोसेस के सरलीकरण पर काम कर रही है, जिससे टैक्स फाइलिंग को अलग एक्टिविटी बनाना जा सके। यह भविष्य में बिजनेस एक्टिविटी का बाई-प्रोडक्ट बन सकता है।

छोटे कारोबारियों के लिए लोन होगा आसान
उन्होंने कहा, ‘क्रेडिट के लिए अचानक डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एसेट्स का डाटा नहीं है। यह कोलेटरल यानी गिरवी आधारित लेंडिंग नहीं है। यह फ्लो बेस्ड लेंडिंग है। आम तौर पर ऐसे छोटे कारोबारी लोन के लिए अभी भी अपने कैपिटल फ्लो का इस्तेमाल करते हैं, जिनके पास अपनी कोई एसेट नहीं होती है।

यह खासा अहम है, क्योंकि डाटा के आधार पर छोटे कारोबारी कर्ज हासिल कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि जब लाखों छोटे कारोबारियों को आसानी से कर्ज मिलने लगेगा, तो इकोनॉमी खुद ही रिवाइव होगी।