पीएनबी Fraud : बैंकों को 17,600 करोड़ का नुकसान संभव

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डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी को सीबीआई की कोर्ट में पेश किया गया

मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के घोटाले का असर दूसरे बैंकों पर भी हुआ है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अफसर ने बताया कि भारतीय बैंकों को लगभग 17, 600 करोड़ रूपए का नुकसान होने की आशंका है। इसमें पीएनबी का 11,356 करोड़ भी शामिल है। इससे पहले इस मामले में शनिवार को पहली गिरफ्तारी हुई। सीबीआई ने बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत 3 लोगों को अरेस्ट किया।

बाद में इन्हें सीबीआई की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने इन्हें 3 मार्च तक की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया। इन पर हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीताजंलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी को बगैर बैंक गारंटी लोन देने का आरोप है।  बता दें कि घोटाला सामने आने के पहले ही नीरव और मेहुल अपने परिवार के साथ देश छोड़कर भाग गए हैं।

इस पूरे मामले को 11 प्वाइंट्स में समझें
Bankars1)बैंकों को 17,600 करोड़ का नुकसान
-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अफसर के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि पीएनबी को दिए लोन्स और कॉरपोरेट गारंटी की वजह से बाकी बैंकों को कम से कम 2.74 बिलियन (करीब 17,600 करोड़ रूपए) का नुकसान होगा। मार्च 2017 तक अलग-अलग बैंकों ने लोन और गारंटी के तौर पर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को इतनी ही रूपए की गारंटी दी थी।

2 ) सीबीआई ने किन्हें अरेस्ट किया?
– सीबीआई ने डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, बैंक के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरत और नीरव मोदी फर्म के ऑथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट को गिरफ्त में लिया है। इन्हें मुंबई के अलग-अलग इलाकों से अरेस्ट किया गया।
– एफआईआर में दिए शेट्टी के पते के मुताबिक वह मुंबई के बोरीवली में रहता था। हालांकि मीडिया में इनके तीन से ज्यादा घर होने की बात सामने आ रही है। शेट्टी पिछले साल मई में बैंक से डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर हुआ था।
– उधर, मनोज खरत के पिता हनुमंत खरत ने मीडिया को बताया कि मनोज ने 2014 में क्लर्क की पोस्ट पर पीएनबी ज्वाइन की थी। पिता का कहना है कि इसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। परिवार मुंबई के पास कर्जत में रहता है।

3) इन पर क्या आरोप हैं?
-जांच एजेंसियों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया- ” मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में काम कर रहे डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने विंडो ऑपरेटर मनोज खरत नाम के साथ मिलकर नीरव की कंपनियों को फर्जी तरीके से LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) दिया। यह हेराफेरी पकड़ में न आए, लिहाजा बैंक रिकॉर्ड में इसकी एंट्री भी नहीं की गई थी। बाद में इन्हीं जाली LoU के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने बैंक को डॉलर में लोन दिए थे।
– इन लोन का इस्तेमाल बैंक के NOSTRO अकाउंट्स की फंडिंग के लिए किया गया था। इन एकाउंट्स से फंड को विदेश में कुछ फर्मों के पास भेजा गया, जो नीरव मोदी की कंपनी से ताल्लुक रखती थीं। बता दें कि LoU ये पुराने समय की हुंडी की तरह है, जिसके जरिए गारंटी लेकर क्लाइंट को दूसरी जगहों पर बड़ी रकम हासिल करने की सुविधा दी जाती थी।

4) सीबीआई ने किन मामलों पर कार्रवाई की है?
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई ने ये गिरफ्तारियां नीरव मोदी, उसकी कंपनियों और उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर की गई हैं। एफआईआर में 280 करोड़ रुपए के आठ फर्जी लेन-देन का जिक्र है, लेकिन बैंक की शिकायतों के आधार पर अब सीबीआई कह रही है यह लेनदेन 6498 करोड़ का है, जिसकी वह जांच कर रही है। इसके लिए शेट्टी और खरत ने 150 LoU जारी किए थे।
– इसके अलावा 4886 करोड़ के 150 LoU गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों के लिए जारी किए गए थे। सीबीआई ने इस बारे में मेहुल चौकसी और उसकी कंपनियों- गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र ब्रांड और गिली के खिलाफ दूसरी एफआईआर शुक्रवार को दर्ज की थी। बैंक अफसरों ने ये सभी LoU 2017-18 में जारी या रिन्यू किए थे।

5) पूरा मामला क्या है?
– पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाले को पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।

6) घोटाले के मुख्य आरोपी कौन हैं?
– हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप्स के मालिक मेहुल चौकसी। इन दोनों ने गोकुलनाथ शेट्टी के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।

7) अब तक क्या कार्रवाई हुई?
– नीरव मोदी और मेहुल के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए गए हैंं। विदेश में इनके शोरूम को बंद रखने के लिए कहा है। ईडी ने नीरव और मेहुल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 23 फरवरी को तलब किया है। नोटिस कंपनी डायरेक्टरों को दिए गए।
– भारतीज जांच एजेंसियों ने नीरव और परिवार का पता लगाने के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी है। क्योंकि नीरव और उसका भाई निशाल 1 जनवरी को भारत छोड़कर चले गए थे। मेहुल 4 जनवरी को गया था।
– इनके विदेशी अकाउंट्स भी बंंद करने की कोशिश जांच एजेंसियां कर रही हैं।

8) कहां-कहां छापे मारे गए, कितनी प्रॉपर्टी जब्त?
-शुक्रवार को 4 एजेंसियों ने कार्रवाई की। ईडी ने 35 और सीबीआई ने 26 जगह छापे मारे। 549 करोड़ के हीरे और ज्वेलरी जब्त की गई।
– इससे पहले गुरुवार को ईडी ने नीरव मोदी के घर समेत करीब 10 ठिकानों पर रेड की। इनमें सूरत में 4, मुंबई में 4 और दिल्‍ली में 2 ठिकाने शामिल हैं। इस छापेमारी में लगभग 5100 करोड़ रुपए की एसेट सीज की थी।
– ईडी ने शनिवार को देश में 21 ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान 25 करोड़ रुपए के और हीरा, सोना और ज्वेलरी जब्त की।
– कुल मिलाकर अब तक 5674 करोड़ के हीरे-ज्वेलरी और प्रॉपर्टी जब्त की गई।
– ब्लैक मनी पर नए कानूनों के तहत नीरव की विदेश में अघोषित संपत्ति को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नीरव मोदी की 29 प्रॉपर्टी और 105 अकाउंट्स अटैच किए गए हैं।

9) विदेश मंत्रालय का क्या कहना है?
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरव मोदी न्यूयॉर्क में है। हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- उसका ठिकाना पता नहीं। पर वह जहां भी होगा, वहां से भाग नहीं सकता।
– बताया जा रहा है कि नीरव अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क की एक होटल में ठहरा हुआ है। इसका एक सुइट 90 दिन के लिए बुक किया गया है। इसका एक दिन का किराया 75000 रुपए है। इस हिसाब से 90 दिन का किराया 67.5 लाख रुपए होगा।

10) नीरव के अलावा किन पर केस?
– 280 करोड़ के फ्रॉड केस में ED ने नीरव मोदी की पत्नी एमी, भाई निशाल, मेहुल चीनूभाई चौकसी, डायमंड कंपनी के सभी पार्टनर्स, सोलर एक्सपर्ट्स, स्टेलर डायमंड और बैंक के दो अफसरों गोकुलनाथ शेट्टी (अब रिटायर्ड) और मनोज खरत के खिलाफ केस दर्ज किया है।

11) पूर्व बैंक अफसर का दावा: एनडीए सरकार में बढ़ा घोटाला
– इलाहाबाद बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर रह चुके दिनेश दुबे का दावा है कि घोटाला यूपीए सरकार के वक्त से जारी है। एनडीए सरकार में यह 10 से 50 गुना बढ़ गया। गीतांजलि जेम्स को गलत तरीके से कर्ज देने का विरोध करने पर इस्तीफा देना पड़ा था। 2013 में सरकार और आरबीआई को डिसेन्ट नोट भेजने पर आदेश मिला कि लोन देना है। वित्त सचिव ने दबाव बनाया था।