नयी दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक धोखाधड़ी को लेकर चिंतित वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को इस मामले से जुड़ी या इस प्रकार की घटनाओं के संबंध में इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देने को कहा है।
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है। वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है।’
पीएनबीः मुंबई ब्रांच में एक खरब से भी ज्यादा फर्जी लेनदेन का खुलासा
इससे पहले, दिन में पीएनबी ने 1.77 अरब डालर (करीब 11,334.4 करोड़ रुपये) मूल्य के धोखाधड़ी वाले लेन-देन का खुलासा किया।
पीएनबी का शेयर टूटा
इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पीएनबी का शेयर तकरीबन 10 फीसदी से ज्यादा टूट गया।
पीएनबी का बयान
पीएनबी ने एक बयान में कहा कि उसने मुंबई की अपनी एक शाखा में जाहिर तौर पर साठगांठ से कुछ धोखाधड़ी वाले लेन-देन का पता लगाया। बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर कुछ अन्य बैंकों ने भी संभवत: विदेशों में इन ग्राहकों को ऋण दिए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चूंकि मामले में एक से अधिक बैंक शामिल हैं, अत: वित्तीय सेवा विभाग ने सभी बैंकों से धोखाधड़ी को लेकर जल्दी स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक पीएनबी ने धोखाधड़ी कर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी एंड एसोसिएट्स को गारंटी पत्र (लेटर आफ अंडरटेकिंग) दिया और उन्होंने इसे विदेशों में निजी एवं सार्वजनक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों से भुनाया। उसने कहा कि यह सब 2011 से काम उप-महाप्रबंधक के स्तर के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर किया गया।
10 कर्मचारी सस्पेंड
मामले में कदम उठाते हुए पीएनबी ने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।इस बीच, बैंक ने अरबपति नीरव मोदी और आभूषण कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई के पास शिकायत की है।