PNB फ्रॉड केस: नीरव मोदी के 9 ठिकानों पर ईडी के छापे, जानिए कैसे हुआ

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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड केस में गुरुवार को एन्फोर्समेंट डायरोक्टोरेट (ईडी‌‌) ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के 9 ठिकानों पर रेड डाली। इनमें तीन लोकेशन सूरत, चार मुंबई में और दो दिल्ली में हैं। बैंकिंग इंडस्ट्री की यह सबसे बड़ी धोखाधड़ी 177.17 करोड़ डॉलर यानी 11,356 करोड़ रुपए की है।

इसे मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। बैंक ने इस सिलसिले में नीरव, उनकी पत्नी, भाई और बिजनेस पार्टनर के खिलाफ सीबीआई में दो शिकायतें दर्ज कराई हैं। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। बैंक ने भी 10 इम्प्लॉइज सस्पेंड कर दिए हैं।

ऐसे हुआ फ्रॉड
– पीएनबी के कुछ अफसरों ने नीरव मोदी को गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) दी। इसी एलओयू के आधार पर मोदी और उनके सहयोगियों ने दूसरे बैंकों से विदेश में कर्ज ले लिया।
– एलओयू एक तरह की बैंक गारंटी होती है। इसके आधार पर विदेशी बैंक या भारतीय बैंक की विदेशी ब्रांच कर्ज देती हैं।
– पीएनबी ने किसी बैंक का नाम नहीं लिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने इसके एलओयू के आधार पर नीरव और उनसे जुड़ी कंपनियों को कर्ज दिया है।
– बैंकिंग एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे मामलों में अंतिम देनदारी एलओयू जारी करने वाले बैंक पर बनती है।

बैंक अफसरों ने गलत तरीके से दी अंडरटेकिंग
– पीएनबी की शिकायत के मुताबिक, डायमंड का कारोबार करने वाली तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स ने 16 जनवरी को कॉन्टैक्ट किया। नीरव मोदी, उसकी पत्नी, भाई और बिजनेस सहयोगी इन कंपनियों में पार्टनर हैं।
– ये कंपनियां विदेशी सप्लायरों को भुगतान के लिए शॉर्ट टर्म क्रेडिट (कर्ज) चाहती थीं। अंतरराष्ट्रीय या भारतीय बैंक की इंटरनेशल ब्रांचेज इम्पोर्टर्स को यह क्रेडिट देती हैं।
– बैंक अधिकारियों ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) देने से पहले 100% कैश मार्जिन मांगा। तीनों फर्मों ने कहा कि वे पहले भी यह सुविधा लेती रही हैं, हालांकि बैंक के रिकॉर्ड में ऐसा कहीं नहीं दिखा।
– मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने मनोज खरात नाम के एक अन्य बैंक अधिकारी के साथ मिलकर इन कंपनियों को फर्जी तरीके से एलओयू दे दिया।
– पकड़ में आने से बचने के लिए उन्होंने इसकी एंट्री भी नहीं की। आंतरिक जांच में पता चला का दोनों अधिकारियों ने पहले भी गलत तरीके से एलओयू दिया था।
4 ज्वेलरी कंपनियों के लेनदेन की हो रही है जांच
वित्त मंत्रालय के फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी राजीव कुमार ने बताया कि यह मामला मशहूर डायमंड ज्वेलर नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स से जुड़ा है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि गिनी और नक्षत्र जैसी दूसरी बड़ी ज्वेलरी कंपनियों के लेनदेन की भी जांच की जा रही है।
धोखाधड़ी की रकम बैंक के मुनाफे का 8 गुना
– यह रकम 2016-17 में बैंक के 1,325 करोड़ के मुनाफे का 8 गुना, बैंक के 35,365 करोड़ के मार्केट कैप का एक तिहाई और 4.5 लाख करोड़ के कुल कर्ज का 2.5% है।
– बुधवार को बीएसई में पीएनबी के शेयरों में 9.8% की गिरावट आई। इसके इन्वेस्टर्स को करीब 3,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है।
2011 से ही चल रही थी यह धोखाधड़ी
– वित्त मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक यह धोखाधड़ी 2011 से चल रही थी। इसमें डिप्टी जनरल मैनेजर (डीजीएम) स्तर तक के अधिकारी शामिल थे। मंत्रालय ने इस मामले से जुड़े सभी बैंकों से तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है।
– इससे पहले 5 फरवरी को सीबीआई ने नीरव, उसकी पत्नी एमी, भाई निशाल और बिजनेस पार्टनर मेहुल चीनूभाई चौकसी के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सेलेब्रिटी पहनती हैं नीरव मोदी की ज्वेलरी
– इंटरनेशनल ज्वेलरी मार्केट में नीरव मोदी जाना-माना नाम है। उनकी ज्वेलरी को केट विंसलेट, ताराजी हेन्सन, कार्ली क्लॉस और वायोला डेविस जैसी इंटरनेशनल और प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा जैसी एक्ट्रेस और मॉडल ऑस्कर जैसे समारोह में पहन चुकी हैं।
– इनमें कई नीरव की ब्रांड एम्बेसडर भी रही हैं। दुनिया के डायमंड कैपिटल एंटवर्प में जन्मे नीरव ‘नीरव मोदी’ ब्रांड नाम से प्रोडक्ट बेचते हैं।
– नीरव की नेटवर्थ 11,500 करोड़ रुपए है।