फ्लाई ऐश पर कारोबारी कर रहे ऐश, फ्री के बजाय हो रही अवैध वसूली

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कोटा। कोटा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन से निकलने वाली गीली राख (बॉटम/वेट एश) पर अवैध कारोबारियों का कब्जा है। वह ब्रिक ब्लॉक टाइल्स (बीबीटी) उद्योगों को मुफ्त में दी जाने वाली इस राख को बेच हर महीने करोड़ों रुपए की वसूली कर रहे। थर्मल प्रशासन इसे रोकने के बजाय आंख मूंदे बैठा है।

कोटा थर्मल में कोयला जलने से हर रोज पांच हजार टन से ज्यादा फ्लाई एश उत्सर्जित होती है। इसमें से 80 फीसदी सूखी (ड्राई एश) और 20 फीसदी गीली एश होती है। थर्मल प्रशासन सूखी एश छह सीमेंट कंपनियों को बेचता है। जबकि वेट एश थर्मल प्लांट के 300 किमी दायरे में स्थापित बीबीटी उद्योगों और सरकारी निर्माण कार्यों में भराव आदि के लिए मुफ्त देने के आदेश हैं।

ड्राई एश इकट्ठा करने और प्लांट तक ले जाने के लिए सीमेंट कंपनियों ने थर्मल में 5 साइलो (पोन्ड) का निर्माण कराया है। सुरक्षा के लिए चौकीदार तैनात हैं, लेकिन मुफ्त में दी जाने वाली वेट एश को थर्मल प्रशासन 250 हेक्टेयर के खुली डाइक (पोन्ड) में फेंक देता है। इस पर अवैध कारोबारियों ने कब्जा जमा रखा है। मिली भगत के चलते थर्मल प्रशासन इस एश की निगरानी तक नहीं करता।

अवैध कारोबारियों ने इस एश डाइक पर न केवल कब्जा कर लिया, बल्कि निगरानी के लिए निजी स्तर पर चौकीदार तैनात कर दिए हैं। डंपरों में फ्लाई एश की लोडिंग के लिए अपने बुल्डोजर लगा रखे हैं। यही लोग बाकायदा दाम लेकर फ्लाईएश की सप्लाई करते हैं। बीबीटी इंडस्ट्रीज वालों को भी यह एश अवैध कारोबारियों को पैसा देकर लेनी पड़ती है। ये अवैध कारोबारी इससे करोड़ों की वसूली कर रहे हैं।

कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर एचबी गुप्ता का कहना है कि थर्मल प्रशासन की जिम्मेदारी वेट एश को प्लांट से ले जाकर न्यू एश डाइक में इकट्ठा करने की है। यहां से इसे बीबीटी उद्योगों को बांट दिया जाता है। इतनी बड़ी एश डाइक की सुरक्षा का खर्च थर्मल प्रशासन नहीं उठा सकता। यह मुफ्त में दी जाती है, इसलिए कौन और कितनी ले जा रहा है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखते, ना ही ऐसी किसी निगरानी की कोई व्यवस्था है

वेट फ्लाईएश का उत्सर्जन
1500 टन प्रतिदिन केएसटीपीएस से वेट फ्लाईएश का उत्सर्जन
250 हेक्टेयर से ज्यादा

न्यू वेट फ्लाईएश पांड का क्षेत्रफल
02 लाख टन से ज्यादा पांड में पड़ी वेट फ्लाई एश
90 हजार टन केएसटीपीएस फ्लाईएश का स्टॉक