डीएलसी रेट से होगी जमीन की रजिस्ट्री भी 10 फीसदी सस्ती

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जयपुर। प्रदेश में कृषि, कॉमर्शियल व इण्डस्ट्रियल जमीन की डीएलसी रेट में मुख्यमंत्री ने 10 फीसदी कमी करने की घोषणा की है। वहीं अगले एक साल 2018-19 में डीएलसी रेट नहीं बढ़ाने की राहत दी है। जमीन की डीएलसी रेट कम होने से अब रजिस्ट्री करवाना सस्ता हो गया है। डीएलसी व रजिस्ट्रेशन शुल्क कम करने से अब जमीन की रजिस्ट्री बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जानिए और इस बारे में …

रियल एस्टेट पर मंदी की मार के बाद जमीनों के सौदे कम हो रहे थे। डीएलसी रेट ज्यादा होने के कारण ज्यादातर सौदे स्टांप पर एग्रीमेंट से ही हो रहे थे। इससे सरकार को स्टांप व पंजीयन शुल्क का टारगेट कम हुई है।

20 लाख की डीएलसी अब 18 लाख हुए
जमीन की रजिस्ट्री पर एक फीसदी व 3 लाख रुपए तक रजिस्ट्रेशन शुल्क लगता है। इसके साथ ही सामान्य के लिए 5 फीसदी, महिला को 4 फीसदी व एससी-एसटी को 3 फीसदी स्टांप ड्यूटी देनी होती है।

वहीं स्टांप ड्यूटी पर 20 फीसदी सरचार्ज लगता है। ऐसे में पहले 20 लाख कीमत (डीएलसी) के फ्लैट पर रजिस्ट्री के एक लाख 25 हजार रुपए देने होते थे, लेकिन अब 18 लाख की डीएलसी पर एक लाख 10 हजार रुपए देने होंगे। ऐसे में करीब 12 से 15 हजार का फायदा होगा।

रिंग रोड की अवाप्ति से किसानों को होगा नुकसान
डीएलसी रेट कम होने से जहां जमीन के दस्तावेज की रजिस्ट्री सस्ती हुई है वहीं सरकारी अवाप्ति के दायरे में आ रही जमीनों को नुकसान होगा। शहर की नॉर्थ रिंग रोड के लिए करीब 40 किमी लंबाई में आगरा रोड से दिल्ली रोड तक जमीन अवाप्त की जाएगी। अब इस जमीन की मुआवजा कम डीएलसी रेट से ही मिलेगा।