विसभा में अपनों से ही घिरी सरकार, भामाशाह योजना पर साधा निशाना

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जयपुर। अपनी सरकार के मंत्रियों से भाजपा विधायकों की नाराजगी अब विधानसभा में भी खुलकर नजर आने लगी है। जिसको जैसे मौका मिल रहा है, वह मंत्रियों को घेरने से नहीं चूक नहीं रहा। शुक्रवार को दिनभर ऐसे कई मामले उठे, जिनमें मंत्रियों को घेरा गया।

भाजपा के अाधा दर्जन से अधिक विधायकों ने सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर सिस्टम की नाकामियां उजागर कीं, वहीं मंत्रियों की विभाग में पकड़ कितनी कमजोर है, यह भी बताया। प्रश्नकाल के दौरान 3 भाजपा विधायकों ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के इंप्लीमेंटेशन पर भी सवाल उठाए।

‘जैसा कह रहे हैं वैसा धरातल पर नहीं’
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर भाजपा विधायक संदीप शर्मा का प्रश्न सूचीबद्ध था। उन्होंने कहा कि योजना में गरीबों को रजिस्ट्रेशन के नाम पर परेशान किया जाता है। जब सरकार बीमा कंपनी की राशि बढ़ा रही है तो लाभार्थी क्यों घट रहे हैं?

जवाब में मंत्री कालीचरण सराफ बोले-आकस्मिक दुर्घटना केस में 72 घंटे तक बिना औपचारिकता इलाज के लिए टीआईडी जनरेट की जा सकती है। इस पर भाजपा के सुरेश धाकड़ बोले…आप जो कह रहे हैं वैसा धरातल पर नहीं होता। जब हॉस्पिटल में मरीज कार्ड लेने के लिए बोलता है तो अस्पताल वाले मना कर देते हैं। तभी बनवारी लाल सिंघल बोले…राज्य सरकार और निजी अस्पतालों के पैकेज में काफी अंतर है।

2 विभागों के बीच फंसे 1000 लोग: डोगरा
भाजपा विधायक अशोक डोगरा ने बूंदी पटवार हल्का का मामला उठाते हुए कहा कि दो विभागों के चक्कर में 1000 लोगों को पानी-सीवर सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।

202 बीघा जमीन को वन विभाग खुद की सीमा में बता रहा है जबकि राजस्व विभाग अपनी बता रहा है। इस पर 1000 मकान बने हैं । पहले जमीन यह रामगढ़ सेंचुरी में थी। सेंचुरी से मुक्त करने के लिए केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद भी वन विभाग काम नहीं करने दे रहा।

आहूजा बोले- 2 साल से कार्रवाई नहीं हो रही
भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने नियम 295 के तहत अलवर के रामगढ़ क्षेत्र के राजकीय काॅलेज में प्राध्यापकों का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि काॅलेज में 22 प्राध्यापक में से केवल 3 ही सेवाएं दे रहे हैं। प्रिंसिपल का पद भी डेपुटेशन के कारण खाली है। दो साल से मैं लगातार इस मामले को उठा रहा हूं, लेकिन कार्यवाही नहीं की जा रही है।