हंगामे के बीच निगम का 512.88 करोड़ का बजट एक मिनट में पास

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कोटा। नगर निगम का 512.88 करोड़ रुपए का बजट गुरुवार को बोर्ड की बैठक में रखा गया। मूल एजेंडा केवल बजट पर चर्चा करना था, लेकिन बैठक में मात्र 1 मिनट में बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। बैठक में 10 अन्य बिंदु भी रखे गए। उन पर भी कोई चर्चा नहीं हुई। सभी पढ़कर पास करते गए।

सुबह 11.10 बजे बैठक शुरू हुई बैठक दोपहर 3.10 बजे खत्म हुई। इस दौरान अतिक्रमण, वार्डों में काम नहीं होने, आवारा पशु, सफाई पर ही हंगामा होता रहा। कई बार सदन की गरिमा तार-तार हुई। निर्दलीय पार्षद डॉ. आरडी वर्मा को भाजपा पार्षद कृष्ण मुरारी सामरिया ने टोका तो वर्मा उनको मारने के लिए दौड़े, उपमहापौर व अन्य पार्षदों ने रोका।

कांग्रेस पार्षद मोनू कुमारी को नहीं बोलने दिया तो वे टेबल पर खड़ी हो गई। निर्दलीय पार्षद दीनदयाल चौबदार ने तो यहां तक कह दिया कि केवल एमएलए की चापलूसी करते हैं यहां पर। दोपहर 1.30 बजे हंगामे के बीच ही महापौर महेश विजय के प्रस्ताव पर भाजपा के सभी पार्षदों ने मेज थपथपाकर बजट पारित कर दिया।

कांग्रेसी पार्षदों ने आपत्ति जताई कि बिना बहस के बजट कैसे पास हो सकता है। सभी पार्षद प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका के साथ नारेबाजी करते हुए बहिष्कार कर बाहर चले गए। जाते-जाते पार्षद मोहम्मद हुसैन मोमदा ने बजट की प्रतियां वेल में सभाध्यक्ष के सामने हवा में उछाल दी।

पार्षद रमेश आहूजा ने मामला उठाया कि पार्क में अतिक्रमण कर दुकान बनाने से रोकने पर उन्हें गोली मारने की धमकी दी थी। इस मामले में मुझे रिपोर्ट दर्ज करवाने को कहा जा रहा है, मैं 5 साल के लिए पार्षद हूं, मैं तारीखें क्यों भुगतूं। वो अतिक्रमण आज भी हो रहा है।

इस पर रेखा जैन ने कहा कि मेरे खिलाफ रिलायंस कंपनी ने मुकदमा दर्ज करवाया। फिर भी निगम ने उसे परमिशन दे दी। आयुक्त ने कहा कि उच्च अधिकारियों ने जयपुर बुलाकर मना कर दिया था। अतिक्रमण पर एक-दो दिन में कार्रवाई कर देंगे।

 लेबर की समस्या ठीक करें
आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल ने कहा कि सफाई को लेकर मैं सख्त कदम उठाना चाहता हूं। हो सकता है मेरी बात पर हंगामा भी हो। सफाई कर्मचारियों व गार्डन की लेबर की हालत काफी खराब है। जेसीबी, डंपर की स्थिति भी सही नहीं है। शहर की सफाई से ही चुनाव जीतेंगे, मैं तो अफसर मेरा कुछ नहीं होगा।

इसलिए पार्षद लेबर की समस्या को ठीक करें। अब जिस ठेकेदार ने बॉयोमैट्रिक्स मशीन नहीं लगाई उसका बिल पास नहीं किया जाएगा। बॉयोमैट्रिक्स हाजिरी होगी तो लेबर गायब होने की समस्या दूर हो जाएगी। ठेकेदार लेबर को पैसा कम देते हैं। कम रेट पर ठेका लेते हैं, उसमें से बीमा व पीएफ और खुद का लाभ निकालते हैं। हो सकता है इसके लिए ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करना पड़े, वो हड़ताल भी कर सकते हैं।

इन सभी स्थितियों की व्यवस्था मैंने कर रखी है। 100 सफाई कर्मियों की एक टीम तैयार की है। जहां सफाई ठप करेंगे वहां टीम भेज दी जाएगी। पार्षद सहयोग करें। महेश गौतम लल्ली ने पार्कों में लेबर नहीं मिलने तथा ध्रुव राठौर ने जेसीबी, डंपर की हालत खराब होने का मुद्दा उठाया। पार्षद पवन अग्रवाल ने कहा कि आयुक्त खुद सक्षम हैं तो अब तक ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। 

150 करोड़ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे
125 करोड़ वेतन पर।
93 करोड़ रुपए सफाई पर।
39.50 करोड़ रुपए गोशाला निर्माण, फायर, हाउसिंग, बहुमंजिला भवन, मेला स्थल पर निर्माण कार्य।
35 करोड़ रुपए नाली, सीवरेज, सड़क मरम्मत आदि।
14 करोड़ रुपए 4 बड़े उद्यानों व अन्य उद्यानों में विकास कार्य।
18 करोड़ से सड़कों का निर्माण।
5 करोड़ रुपए ग्रेच्युटी पर।
4 करोड़ नई रोड लाइट के लिए
2.24 करोड़ रुपए फायर उपकरण सहित अन्य संपत्ति खरीदने पर
2 करोड़ रुपए खर्च होंगे सार्वजनिक शौचालय बनाने पर।