एम्स के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में त्रुटि सुधारने का मौका नहीं

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अलर्ट : कोटा सेंटर से 5909 परीक्षार्थी देंगे एम्स-यूजी प्रवेश परीक्षा। कोटा परीक्षा केंद्र हाउसफुल हो जाने से अब दूसरे सेंटर के विकल्प भरने होंगे। ऑनलाइन फार्म भरने में त्रुटि सुधार का मौका नहीं मिलने से हजारों विद्यार्थी परेशान।

-अरविंद
कोटा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की प्रवेश परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने वाले विद्यार्थियों को विवरण में त्रुटि सुधारने का प्रावधान नहीं किए जाने से हजारों कोचिग विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं।

उनका कहना है कि 5 फरवरी को पहले दिन ई-मित्र पर सेंटर लॉक करने की जल्दबाजी में उनसे नाम, पिता का नाम, जन्मतिथी या मार्कशीट के रोल नंबर आदि में कोई त्रुटि हो गईं तो उन्हें सुधारने का कोई अवसर नहीं मिलेगा, जिससे आवेदन फार्म निरस्त हो जाने पर परीक्षा से वंचित होने का भय सता रहा है।

26 व 27 मई को होने वाली एम्स-यूजी प्रवेश परीक्षा के लिए इस वर्ष राज्य के 9 शहरों जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर, अलवर, सीकर, उदयपुर, बीकानेर व श्रीगंगानगर में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाए गए। झांसी से कोचिंग ले रहे विष्णु पटेल ने बताया कि ई-मित्र पर भीड़ होने से ऑनलाइन फार्म भरते समय उससे 12वीं बोर्ड के रोल नंबर भरने में त्रुटि हो गई।

इसी तरह, भीलवाडा से कोटा में कोचिंग छात्र धर्मराज मीणा ने बताया कि उसके फॉर्म में पिता के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक हो गई, जिसे वह सुधारना चाहता है लेकिन मौका नहीं मिला तो वह परीक्षा से वंचित हो जाएगा। उसकी एक वर्ष की मेहनत बेकार हो जाएगी।

प्री-मेडिकल में जोधपुर के कोचिंग छात्र पीआर विश्नोई, कानपुर के सम्राट यादव एवं इलाहाबाद के पार्थ सिंह ने कहा कि सभी प्रवेश परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने के बाद परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी करने से पहले गलती सुधारने का अवसर दिया जाता है।

इसलिए एम्स के परीक्षार्थियों को भी यह मौका मिलना चाहिए ताकि वे परीक्षा देने से वंचित न रह जाएं।  कोचिंग छात्र मोनू विनझारे (छिंदवाड़ा) व बंटी राम (भरतपुर) ने कहा एम्स प्रवेश परीक्षा में ओबीसी वर्ग के लिए 12वीं में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता करने से 1 प्रतिशत अंक कम होने से वे अयोग्य हो गए। छात्र मीनू मीणा व सांवरा लाल ने बताया कि हम गांव से हैं, पहली बार ऑनलाइन फॉर्म भरने में गलती हो सकती है, इसलिए उसे सुधारने का मौका दिया जाए।

अभिभावकों ने इस बात पर चिंता जताई कि ऑनलाइन फॉर्म भरते समय बच्चों को एम्स की अधिसूचना की शर्तों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है, जिससे जल्दबाजी में उनके गलती हो जाती है। एम्स-यूजी में परीक्षाकेंद्र के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति विद्यार्थियों के हित में नहीं है।

यह जानकारी नहीं बदल सकते
एम्स के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय अभ्यर्थी नाम, जन्मतिथी, केटेगरी, दिव्यांग स्थिति, ई-मेल आईडी व मोबाइल नंबर की जानकारी सबमिट करने के बाद उसमें कोई सुधार नहीं कर सकते। ऑनलाइन आवेदन 6 स्टेप में किया जा रहा है। जिसमें रजिस्ट्रेशन, फीस, सिटी च्वाइस, शैक्षणिक योग्यता व पता, अपलोड इमेज तथा आवेदन फॉर्म की प्रिंटआउट शामिल है।

7 दिन में पता चलेगा पंजीयन हुआ या नहीं
नोटिफिकेशन के अनुसार, ऑनलाइन फॉर्म से रजिस्ट्रेशन करवाने के एक सप्ताह बाद परीक्षार्थी यह स्टेटस देख सकते हैं कि उनका आवेदन स्वीकार हुआ या निरस्त किया गया है। विवरण में कोई त्रुटि पाये जाने पर भी आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे।

जबकि अंतिम तिथी 5 मार्च तक आवेदन करने वाले सभी आवेदकों की कमियों व निरस्त फॉर्म की अधिकृत सूचना www.aiimsexam.org वेबसाइट पर 20 मार्च को प्रकाशित की जाएगी। ऑनलाइन प्रवेश पत्र 10 मई को डाउनलोड किए जा सकेंगे।

जिन्होंने पहले दिन फॉर्म नहीं भरा, कोटा सेंटर से चूके
कोटा के विद्यार्थी करण चौधरी, आदित्य गर्ग, अनुपम शर्मा व सारांश द्विवेदी ने बताया कि पहले दो दिन सर्वर बहुत धीमा रहा, जिससे वे समय पर आवेदन नहीं कर सके, तीसरे व चौथे दिन कोटा परीक्षा केंद्र पर 5909 परीक्षर्थियों को क्षमता फुल हो जाने से उन्हें विवश होकर बाहरी परीक्षा केंद्र का विकल्प भरना पड़ा।

कोचिंग छात्राओं अदिति, समीक्षा ठाकुर, अनन्या, सुनीता वशिष्ठ ने कहा कि हम पहले दिन ऑनलाइन फॉर्म नहीं भर सके लेकिन परीक्षा केंद्रों की सूची में कोटा का नाम गायब था। एम्स ने आवेदन करने के लिए 5 मार्च तक एक माह का समय दिया है, ऐसे में प्रवेश पत्र से पहले परीक्षा केंद्र आवंटित किये जाने चाहिए। अन्य परीक्षाओं में पहले सेंटर की वरीयता भरवाई जाती है। एम्स में परीक्षा केंद्र पहले दिन फुल हो जाने से 26 व 27 मई को भीषण गर्मी में सैकड़ों छात्राओं को बाहरी केंद्रों पर जाना पडे़गा।

इस वर्ष आवेदन शुल्क बढ़ाया
इस वर्ष एम्स, नई दिल्ली के अलावा एम्स, जोधपुर, पटना, भोपाल, भुवनेश्वर, ऋषिकेश, रायपुर के साथ नागपुर (महाराष्ट्र) तथा गुंटूर (आंध्रप्रदेश) सहित 8 एम्स में एमबीबीएस की कुल 807 सीटों पर प्रवेश दिए जाएंगे। प्रत्येक एम्स में 50 सीटें सामान्य वर्ग, 27 ओबीसी, 15 एससी, 8 एसटी एवं 3 सीटें दिव्यांग वर्ग के लिए निर्धारित हैं।

सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 1500 रू., एससी, एसटी वर्ग के लिए 1200 रू. तथा दिव्यांग वर्ग के लिए आवेदन निःशुल्क है। गत वर्ष सामान्य वर्ग के लिए शुल्क 1 हजार तथा आरक्षित वर्ग के लिए 800 रूपए था।