निगम वित्त समिति की बैठक में 515 करोड़ के बजट प्रस्ताव मंजूर

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कोटा। भाजपा जिलाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम में वित्त समिति की बैठक आखिर मंगलवार को हो गई। इसमें निगम प्रशासन की ओर से तैयार किए गए 515 करोड़ 88 लाख रुपये के बजट प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। इसे अब 8 फरवरी को होने वाली बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।

इसमें कांग्रेस पार्षद दिलीप पाठक के प्रस्ताव को शामिल किया गया कि अधिकारियों की कमजोरी के कारण पिछले बजट में नई सड़कों के लिए स्वीकृत 10 करोड़ भी पूरे खर्च नहीं हुए तो इस बार इसी मद में 18 करोड़ रखे हैं वे कैसे खर्च होंगे, इस संबंध में अधिकारियों को इस बारे में पूछा जाए।

भाजपा पार्षद दल की बैठक में यह मामला उठा था। इस पर जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय ने उनसे कहा कि पार्षदों को एकजुट रहना चाहिए। इस मामले में दो बार वित्त समिति की बैठक हुई। पहले 1 फरवरी को व दूसरी सोमवार को। दोनों में ही सदस्यों ने इसका बहिष्कार किया था।

उनका कहना था कि वित्त समिति की बैठक होने से पहले ही बजट तैयार कर लेने और उसे लीक करने से इस बैठक का कोई औचित्य नहीं था। लगातार विरोध को देखते हुए मंगलवार को दुबारा बैठक बुलाई गई।

समिति के सदस्यों से कहा कि जब तक वित्त समिति बजट प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं देगी तब तक बजट बैठक नहीं होगी। इसलिए यह बैठक होना जरूरी है। समिति अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सोनी ने कहा कि इसे देखते हुए मंगलवार को पूरे कोरम के साथ बैठक की गई और बजट प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव में सदस्य दिलीप पाठक के इस आपत्ति को जोड़ा गया है कि पिछले बजट में से नई सड़कों के लिए 10 करोड़ रुपए रखे थे, इसमें से केवल 3.49 करोड़ ही खर्च हो पाए, जिससे मौजूदा बजट में 18 करोड़ का प्रस्ताव रखा है, वह खर्च हो पाएगा या नहीं।

पहले बजट के अनुरूप राशि का उपयोग नहीं करने पर अधिकारियों से भी जवाब लेने की मांग रखी है। बैठक में सभी सदस्य महेश गौतम लल्ली, मधु कुमावत, पवन अग्रवाल, ध्रुव राठौर, अतुल कौशल, जगदीश सिंह मोइली मौजूद थे।