छोटे उद्योगों की हर चाल पर नजर रखेगा क्रिसिडेक्स

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नई दिल्ली। देश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की हलचल पर नजर रखने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को क्रिसिडेक्स (CriSidEx) की शुरुआत की। यह एक सूचकांक होगा जो आठ पैमानों पर एमएसएमई में तेजी या गिरावट को बताएगा।

जेटली ने यहां एमएसएमई के लिए अपनी तरह के पहले ‘धारणा सूचकांक क्रिसिडएक्स की शुरुआत के मौके पर एमएसएमई को अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार देते हुए कहा कि यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था में मजबूती के मौजूदा दौर की अगुवाई करेगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है तो बीते दो साल में बहुत बड़े ढांचागत सुधारों से गुजरने के बाद अब यह भी सुदृढ़ीकरण के चरण में है। सुदृढ़ीकरण के इस चरण की अगुवाई भी एमएसएमई क्षेत्र करेगा।

ऐसे काम करेगा क्रिसिडेक्स
क्रिसिडेक्स को क्रिसिल और सिडबी ने मिलकर तैयार किया है। यह आठ मानकों पर एमएसएमई की कारोबारी धारणा का आकलन करेगा। इसमें शून्य से 200 अंकों के आधार पर मापा जाएगा। इस अवसर पर जेटली ने क्रिसिडेक्स की पहली रिपोर्ट भी जारी की।

रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर-दिसंबर में क्रिसिडेक्स सूचकांक 107 रहा है जो एमएसएमई क्षेत्र में हल्की सुधार का संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जनवरी-मार्च तिमाही के अग्रिम अनुमान का संकेत भी लिया गया है। पहली रिपोर्ट में 1,100 एमएसएमई को शामिल किया गया है जिसमें 550 मैन्यूफैक्चरिंग और 550 सेवा क्षेत्र की हैं।

रोजगार देने में छोटे उद्योग आगे
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई सबसे बड़े नियोक्ता क्षेत्रों में से एक है। यह ऐसा क्षेत्र है जहां लोग अपने उद्यमिता कौशल का ही प्रदर्शन नहीं करते बल्कि इस प्रक्रिया में रोजगार प्रदाता भी बन जाते हैं। जेटली ने कहा कि इस क्षेत्र की स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उठाए गए अनेक कदमों के मद्देनजर इस क्षेत्र का औपचारिक अर्थव्यवस्था में एकीकरण तेज हुआ है।