अलीबाग में शाहरुख खान का बेनामी फार्महाउस कुर्क

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मुंबई। आयकर विभाग ने मशहूर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के एक फार्महाउस को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। यह फार्महाउस महाराष्ट्र के तटीय कस्बे अलीबाग में स्थित है। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम (पीबीपीटी) के तहत इस फार्महाउस की कुर्की की कार्रवाई दिसंबर में ही शुरू कर दी थी।

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शाहरुख के इस फार्महाउस को कुर्क किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बेनामी कानून की धारा 24 के अनुरूप फार्महाउस के संबंध में कुर्की का नोटिस भेज दिया गया था। यह फार्महाउस देजा वू फार्म्‍स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत है।

इस धारा के मुताबिक अगर जांच अधिकारी को यह लगता है कि अमुक व्यक्ति बेनामीदार है तो वह उसे या वास्तविक रूप से लाभांवित होने वाले व्यक्ति को कुर्की का नोटिस भेज सकता है। इस कानून में प्रावधान है कि संपत्ति की कुर्की नोटिस भेजे जाने की तारीख से 90 दिनों तक के लिए ही की जा सकती है। शाहरुख के इस फार्महाउस का सर्किल रेट करीब 14.67 करोड़ रुपये है।

आयकर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इसका बाजार भाव तो करीब चार-पांच गुना होगा। यह आलीशान फार्महाउस करीब 20,000 वर्ग मीटर इलाके में फैला हुआ है। उसके भीतर स्विमिंग पूल, समुद्री तट और निजी हेलीपैड जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं। शाहरुख के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने खेती के इरादे से इस कृषि भूमि को खरीदने की बात कही थी लेकिन बाद में उन्होंने वहां पर निजी इस्तेमाल के लिए फार्महाउस बना लिया।

इस मामले की जांच के बाद आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस खरीद की लेनदेन पीबीपीटी अधिनियम की धारा 2 (9) के तहत बेनामी लेनदेन की परिभाषा में आएगा। देजा वू फार्म्‍स का इस्तेमाल शाहरुख के लिए जमीन लेने वाले बेनामी खरीदार के तौर पर किया गया। आयकर विभाग की पड़ताल में बेनामी सौदे से सीधे तौर पर शाहरुख को लाभान्वित बताया गया है। जांच के बाद आयकर विभाग ने इस संपत्ति को कुर्क करने की इजाजत मांगी थी।

आयकर विभाग ने कंपनी मंत्रालय के पास जमा दस्तावेज के आधार पर बताया है कि देजा वू फार्म्‍स का गठन वर्ष 2004 में श्रीनिवास पार्थसारथि और सोमशेखर सुंदरेशन ने किया था। कुछ ही महीनों बाद इसके शेयर शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी खान के नाम पर हस्तांतरित कर दिए गए। शाहरुख ने देजा वू फार्म्‍स को 8.45 करोड़ रुपये का गैर-जमानती कर्ज भी दिया था। शाहरुख से मिले इस कर्ज का इस्तेमाल देजा वू ने जमीन खरीदने में किया।

आयकर विभाग की जांच में पता चला कि इस कंपनी ने अभी तक कृषि से कोई आय नहीं दर्शायी है। इस कंपनी के निदेशक भी शाहरुख के करीबी रिश्तेदार थे। निदेशकों के तौर पर शाहरुख के सास-ससुर के नाम दर्ज हैं। इस फार्महाउस के बारे में गड़बड़ी का खुलासा जिला कलेक्टर विजय सूर्यवंशी ने किया था। उन्होंने तटीय इलाके में बने इस फार्महाउस पर कानूनी राय मांगी थी।